एसडीएम जमानियां भारत भार्गव और तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा ने आज क्षेत्र के सुहवल, मलसा, डेढगावां, डुहियां, जीवपुर आदि तटवर्ती गावों सहित बाढ़ चौकी, बाढ़ राहत शरणालय केन्द्रों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए।
क्षेत्रीय तटवर्ती गांव के लोगों की मानें तो अब तक बाढ़ से 200 हेक्टेयर फसल प्रभावित होने के साथ ही करीब 100 बीघे जमीन भी गंगा में विलीन हो चुकी है। इस कारण किसानों के सामने विकट स्थिति पैदा हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ से अब तक तटवर्ती इलाकों के करीब एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, प्रशासन के द्वारा अब तक राहत सामाग्री और जानवरों के चारे इंतजाम नहीं किए गये हैं।
18 बाढ़ चौकियां स्थापित
मुहम्मदाबाद एसडीएम डॉ. हर्षिता तिवारी ने आसपास के डेरे के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए कुल तीन पुनर्वास केंद्र एवं कुल 18 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। जहां पर लेखपालों की तैनाती कर दी गई है। बाढ़ से निपटने के लिए कुल 94 नावों की व्यवस्था की गई है। इसमें 17 बड़ी नाव 13 मझली नाव तथा 64 छोटी नाम की व्यवस्था कर ली गई है।
गोमती का पानी गांवों में घुसा
सैदपुर क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर 18 घंटों के दौरान 3 फुट से ज्यादा बढ़ते हुए खतरे के लाल निशान को पार कर गया। गोमती नदी का जलस्तर बढ़ जाने से क्षेत्र के 1 दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ आ गई है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित तेतारपुर, गौरहट, गौरी और पटना गांव हुए हैं। तटवर्ती गांव के सैकड़ों बीघे की फसल बाढ़ की भेंट चढ़ चढ़ चुकी हैं। संपर्क मार्ग डूब जाने से तेतारपुर और गौरहट गांव में नाव का संचालन किया जा रहा है।