वाराणसी - गाजीपुर- बलिया रेलखंड के नंदगंज रेलवे स्टेशन पर एक भी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल से पहले रुकने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों का भी अभी तक ठहराव बहाल न होने से क्षेत्र की जनता परेशान है। इस समस्या को लेकर स्टेशन चौराहे के हनुमान मंदिर पर बुद्धिजीवियों और व्यापारियों ने बैठक कर मांग की।
वाराणसी-बलिया रेल मार्ग पर दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेनों का आवागमन हो रहा है, लेकिन नंदगंज स्टेशन पर एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने से क्षेत्र की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है। कोरोना काल से पहले सारनाथ तथा सदभावना एक्सप्रेस अप -डाउन में रुकती थी। इससे बाहर जाने वालों को काफी सहूलियत मिलती थी। इस समय सिर्फ पैसेंजर ट्रेनों का ही ठहराव हो रहा है।
किसी भी एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव नहीं होने से यात्रियों को 20 किमी दूर गाजीपुर सिटी स्टेशन जाना पड़ता है, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी परिवार के साथ महिलाओं और बच्चों को होती है। वहीं गाजीपुर से जौनपुर होकर वाराणसी जाने वाली सवारी गाड़ी भी अभी बंद है।
नंदगंज में किसी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने से एक्सप्रेस गाड़ियां धड़धड़ाते हुए गुजर जाती है। बैठक में यात्रियों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सुहेलदेव एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस व सदभावना एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव तत्काल सुनिश्चित करने की मांग रेलवे की गई। रेलमंत्री को एक पत्रक भी भेजने का फैसला लिया गया।
बैठक में कुछ लोगों ने सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ नाराजगी जताई। कहा कि उन्हें इस क्षेत्र की समस्या से कोई लेना देना नहीं है। बैठक में गजाधर प्रसाद शर्मा, विजय कुमार जायसवाल, शिवप्रसाद सिंह, सतीश शर्मा,मोती सिंह, मुकेश श्रीवास्तव, धीरेंद्र सिंह, नंदलाल गिरि, सुहेल, रवींद्र श्रीवास्तव, सत्यनारायण पांडेय, प्रमोद बरनवाल, सुभाषचंद्र ,विजय प्रकाश, विवेक, विनोद, लवकुश, प्रेमचन्द्र उपस्थित रहे।