महिलाएं अपने पुत्र की लंबी उम्र की कामना के लिए जहां गणेश चौथ का व्रत रखी हुई थीं, वहीं सुहवल के ढढनी निवासी सुनीता ने अपने तीन मासूमों हिमांशु, पीयूष उर्फ प्रियांशु और सुप्रिया को चाय में जहर देकर मार डाला। इससे पूरे गांव सहित पुलिस-प्रशासन में खलबली मच गई। पुलिस ने तत्काल आरोपित मां को गिरफ्तार कर लिया। घटना के बाद स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल था। इस हृदयविदारक घटना को सुनकर हर कोई हतप्रभ हो जा रहा था। जो भी पीड़ित के दरवाजे पहुंच रहा था वह इस कलयुगी मां को कोस रहा था। सभी यही कह रहे थे पति से हुए तकझख में इन मासूमों की क्या गलती थी?
गांव में जिस किसी को भी जानकारी हुई सभी भागे-भागे घटना स्थल की ओर चल दिए। दरवाजे पर भीड़ जुटी हुई थी। सुनीता अपने ससुराल रेवतीपुर थाना के साईतबांध से अपने भाई के छेका व रक्षाबंधन को लेकर भाइयों की कलाई पर राखी बांधने आई थी। यह तो संयोग था कि सबसे छोटा पुत्र बगल के किसी के घर गया था अन्यथा वह भी अपने इस मां के कोपभाजन का शिकार बन जाता।
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पति पहुंचा घर : आरोपित महिला सुनीता का पति बालेश्वर यादव गुड़गांव से मंगलवार को अपने गांव साइतबांध पहुंचा। उसकी हालत इतनी खराब थी कि किसी से कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। चाचा बुल्लू यादव की तबीयत खराब होने पर उसका इलाज कराया गया। उनके परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है। किसी तरह परिवार का गुजर बसर हो रहा है। घर के नाम पर पहले का इंदिरा आवास बना है। घर में एक छोटी सी दुकान खोल रखे हैं।
प्राथमिक विद्यालय साइतबांध में पढ़ते थे बच्चे : गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में सुप्रिया कक्षा दो और पीयूष कक्षा पांच में पढ़ता था। प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर त्रिपाठी व शिक्षक अनुराधा यादव ने बताया कि सभी बच्चे बहुत होनहार व मिलनसार थे। सुप्रिया तो और भी शांत स्वभाव की थी। सबसे बड़ा हिमांशु अभी पास कर कक्षा छह में श्रीकृष्ण इंटर कालेज डेढगावां में पढ़ने गया था। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था।
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