गाजीपुर पुराने जिला अस्पताल परिसर में जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ी मर्चरी से लोगों को छुटकारा मिलेगा। राजकीय मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल में नई मर्चरी लगभग तैयार हो गई है। इसमें कुल छह फ्रीजर लगाए गए हैं, जिसमें एक साथ 12 शव सुरक्षित रखे जा सकते हैं। नई मर्चरी का शुभारंभ शनिवार को किया जाएगा। इसकी तैयारी अंतिम दौर में हैं।
पुराने जिला अस्पताल को गोराबाजार स्थित नए भवन में स्थानांतरित हुए लगभग चार वर्ष हो गए हैं, लेकिन मर्चरी को वहीं छोड़ दिया गया। एक तो उसक भवन जर्जर हो गया है और कभी साफ-सफाई भी नहीं होती। ऊपर से उसमें लगाए गए फ्रीजर खराब पड़े हुए हैं। इस मर्चरी में प्रतिदिन एक-दो शव रखे जाते हैं।
लावारिस शवों को शिनाख्त करने के लिए तीन दिन तक रखा जाता है, तब तक वह सड़ जाते हैं और कीड़े तक पड़ जाते हैं। तीन दिन बाद शव को मर्चरी से उठाकर पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाना और फिर उसका पोस्टमार्टम करना नरकीय हो जाता है। नए जिला अस्पताल में काफी दिन से मर्चरी के लिए भवन बनाकर तैयार किया गया था, लेकिन उसे शुरू करने में संबंधित अधिकारियों को कोई दिलचस्पी नहीं थी।
ऊपर से वह काफी दूर भी है। अगर जिला अस्पताल में भी किसी की मौत होती है तो शव उठाकर चार किमी दूर पुराने अस्पताल की मर्चरी में ले जाया जाता है। इसके बाद वहां से चार किमी दूर वापस पोस्टमार्टम हाउस ले जाया जाता है। लोगों की बार-बार मांग पर राजकीय मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. आनंद मिश्रा ने छह नए फ्रीजर मंगाए और इंजीनियर को बुलाकर मर्चरी को आधुनिक सुविधाओं से लैस कराया।
राजकीय मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल में नई मर्चरी तैयार हो गई है। इसमें छह फ्रीजर लगाए गए हैं। शनिवार से इसकी शुरुआत की जाएगी।