Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

सूखी नहर से सिंचती है कर्मचारियों की जेबें - Ghazipur News

शारदा सहायक नहर-32 करीब 30 साल से अधिकारी सफाई दिखाकर धन का बंदरबांट करते रहे, लेकिन आज तक नहर का हलक सूखा ही रहा। पिछले तीन दशक से किसान नहर में पानी आने की राह देखते-देखते थक गए हैं। वहीं इस सूखी नहर से अधिकारियों, कर्मचारियों की जेबें सिंच रही है।

किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए सिंचाई विभाग की खोदाई से किसानों का फायदा तो नहीं हो पाया लेकिन विभागीय अधिकारियों की जेब जरूर भरती रही। उद्गम स्थल लखीमपुर जनपद से निकलकर आजमगढ़ व मऊ से होकर जिले की सीमा में पहुंचकर किसानों को सिंचाई का लाभ पहुंचाने के लिए शारदा सहायक नहर-32 में जमकर खेल हुआ है। 1981 में खोदाई की गई शारदा सहायक नहर में जहां 30 वर्ष से नहर में पानी तो नहीं आया लेकिन आठ किलोमीटर नहर की सफाई हर साल होती है। सफाई का कोरम पूरा कर रकम उतार अधिकारियों की जेब गर्म तो हो जाती है लेकिन किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाता है।

8.2 किमी अधूरी छोड़ दी नहर

क्षेत्र से गुजर रही शारदा सहायक नहर 32 ताजपुर धमराव माइनर से मंगई नदी तक खोदी गई है, जबकि लेदीहां ,दामोदरपुर ,परसोली ,तिरछी ,देवा, जलालाबाद तक 8.2 किलोमीटर तक खोदाई कर अधूरा छोड़ दिया गया था। नहर में पानी नहीं आता था। पूर्व में तैनात रहे अवर अभियंता शाहिद अनवर व उनसे पूर्व के जेई बिना पानी आए ही 30 वर्ष से अधूरे पड़ी नहर को 14 किलोमीटर पूरा दिखाकर नहर की सफाई हर साल कराते रहे। 

जेई आशीष ने बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुनाथ चौहान के प्रयास से अधूरे पड़ी साढ़े चार किलोमीटर नहर की खोदाई का काम चल रहा है, जिसे भैसही नदी में मिला दिया गया है। रास्ते में तीन गांवों में पुलिया निर्माण बाकी है, जिसके पूरा होते ही नहर में पानी छोड़ा जाएगा। रही बात पहले की तो मुझे आए अभी एक वर्ष ही हुआ है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.