मुहम्मदाबाद कोतवाली में 21 साल पहले दर्ज केस में आरोप मुक्ति के लिए गाजीपुर (Ghazipur) के सांसद अफजाल अंसारी मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में पेश हुए। प्रार्थना पत्र देकर सांसद ने मामले में अपना पक्ष रखा। विधिविरुद्ध जमाव व तोड़फोड़ के आरोप में तत्कालीन विधायक और वर्तमान सांसद अफजाल अंसारी के मामले में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और सीजेएम ने अगली तारीख 22 अगस्त देकर सांसद को फिर तलब किया। वकीलों की मौजूदगी के अलावा सांसद अफजाल अंसारी ने न्यायालय में खुद ही तर्क प्रस्तुत किया।
21 साल पहले 9 अगस्त 2001 को समाजवादी पार्टी के प्रदेश बंद कार्यक्रम के दौरान गाजीपुर में सक्रिय सपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। सपा से तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी ने मंडी समिति से 4 हजार लोगों के साथ जुलूस निकाला और भीड़ को लेकर तहसील पहुंचे।
अफजाल ने मुहम्मदाबाद एसडीएम के कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी शुरू की। सूचना पर तत्कालीन सीओ समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन लोगों को रोकने प्रयास किया। इसके बावजूद भी सभी एसडीएम कार्यालय में घुस गए और हंगामा करते हुए तोड़फोड़ भी की। उन पर दरवाजा खिड़की के शीशे आदि तोड़ने का भी आरोप है।
थाना मोहम्दाबाद में अफजाल अंसारी सहित कुल 9 आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना उपरांत पुलिस ने तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी और समर्थकों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया। मामला इतने साल चलने के बाद अब तक आरोप सिद्ध नहीं हो सके।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी की अदालत में मंगलवार को 21 साल पुराने मामले में सांसद अफजाल अंसारी ने आरोप से मुक्त करने का प्रार्थना पत्र दिया, कोर्ट ने सुनवाई की । समयावधि के चलते कोर्ट ने अगली तिथि 22 अगस्त नियत की और आगे की सुनवाई के लिए सांसद को प्रस्तुत होने का आदेश दिया।