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शादी, मुकदमा और फिर साथ न रहने की जिद पड़ी भारी

शादी के पूर्व खुशहाल वैवाहिक जीवन के सपने हर लड़के-लड़की के जेहन में होते हैं। पर रोमानी ख्वाब जब जिंदगी की हकीकतों से दरपेश होते हैं तो कड़वे मीठे अनुभव होना स्वाभाविक है। पर जब आपस के अहंकार टकराते हैं तो अक्सर बात बिगड़ती ही जाती है और नौबत तलाक तक आ जाती है। ऐसे ही मैनपुरी में एक मामले में दंपति के बीच मीडिऐसन सेटर में समझौते के बाद अलगाव हो गया। एक करने का दोनों का प्रयास काम न आया।

आईटीबीपी में सेवारत शिवम चौहान निवासी औडेन्य पड़रिया की शादी नगर के कृष्णा नगर निवासी जितेंद्र सिंह कुशवाह की पुत्री स्वीकृति के साथ 24 अप्रैल 2016 को हुई थी। वैवाहिक जीवन के दो साल तो ठीक से गुजरे। उसके बाद दोनों में अनबन शुरू हो गई। वर्ष 2020 में मामला दहेज के उत्पीड़न के मुकदमे तक पहुंच गया। महिला थाने से सुलह समझौते के लिए मामला मीडिऐसन सेंटर पहुंच गया।

जीत का था एहसास, लेकिन चेहरे सन्नाटे में डूबे मीडिऐसन सेंटर पर वीरपाल सिंह एडवोकेट व रीता नैय्यर द्वारा दोनों पक्षों को आपसी जिद छोड़कर मेल मिलाप से रहने के लिए समझाया गया। लेकिन बात नहीं बनी तो वर पक्ष को दिए सामान व 8 लाख रुपये एकमुश्त भुगतान कर आपसी सहमति से दोनों के बीच अलगाव हो गया।

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