भदौरा ब्लॉक के कई गांव में सामुदायिक शौचालय में ताला लटक रहा है। अधिकारियों की उदासीनता स्वच्छता अभियान के दावों की कलई खोल रही है। इनकी देखरेख व सफाई की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है। लेकिन लाखों के बने इन शौचालयों में ताला लटकने से लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बाढ़ प्रभावित लोग कर रहे इस्तेमाल
सेवराई तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हसनपुरा, नगदिलपुर, विरउपुर, नसीरपुर, अठहठा आदि गांव के लोगों के लिए कामाख्या धाम पर राहत शिविर बनाया गया है। यहां के लोगों को नित्य क्रिया के लिए शेरपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत बने सामुदायिक शौचालय को चिह्नित किया गया है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
सेवराई तहसील मुख्यालय, बारा, गहमर समेत कई गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब खुले में शौच के लिए नहीं जाना होगा। लेकिन निर्माण पूरा होने के बाद भी शौचालयों में ताले लटके हैं। ग्रामीण जवाहरलाल राम का कहना है कि शौचालय पिछले कई महीने से बंद पड़ा है।
ग्रामीण हवलदार ने कहा कि सालों पहले लाखों रुपये खर्च करके इन शौचालयों का निर्माण कराया गया था। जो कि आज किसी के काम नहीं आ रहा है। ज्यादा से ज्यादा शौचालय में ताला लटका पड़ा रहता है। कहा कि एसडीएम को शौचालय में ताला बंद होने की जानकारी दी गई है। उनसे ताला खुलवाने की मांग भी की गई।
संबंधित अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी राजेश प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि संबंधित कर्मचारियों को शौचालय में ताला बंद होने पर कड़ी फटकार लगाई गई है। जिन गांव में निर्माण पूरा हो चुका है, वहां के नवनिर्वाचित प्रधान और ग्राम विकास अधिकारियों को सामुदायिक शौचालय को खोलने के लिए निर्देशित किया जाएगा। नियमित कर्मचारियों की तैनाती भी की जाएगी।