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गाजीपुर में बढ़ा गंगा का जलस्तर, खतरे के निशान से मात्र ढाई मीटर नीचे

गाजीपुर में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढोतरी हो रही है। बाढ़ के खतरे के बाद तहसील प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। गुरूवार को तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा ने क्षेत्र के बलुआ, चक्काबांध, हरपुर, राघोपुर, देवरियां, सतुआनी पपुरा आदि गंगा घाटो का निरीक्षण कर लोगों से सुरक्षित जगहों पर जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कर्मचारियों को बाढ से अति प्रभावित 25 गावों को लेकर विशेष सतर्क रहने को कहा है। इसके साथ ही राजस्व कर्मियों से बाढ़ कंट्रोल रूम, राहत शरणालय, राहत केन्द्र, बाढ़ राहत सामाग्री वितरण केन्द्र, स्वास्थ चौकियों के बारे में जानकारी हासिल की। तहसीलदार ने बताया जलस्तर में तीन से चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की बढोतरी जारी है। दोपहर बारह बजे गंगा का जलस्तर 60.520 मीटर तक पहुंच चुका है। जो अब खतरे के निशान से मात्र 2.585 मीटर नीचे है।

25 गांवों में बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा

तहसील सभागार में बाढ में ड्यूटी में लगे कर्मचारियों, ग्राम प्रधानों संग बैठक कर जरूरी निर्देश दिए गए। तहसीलदरा ने निर्देशित किया कि गंगा में नाव का संचालन नहीं होना चाहिए। उप जिलाधिकारी भारत भार्गव ने बताया कि जमानियां क्षेत्र में कुल 258 गांव हैं। जिसमें से 107 गाँव बाढ प्रभावित है। 25 गांव बाढ से अति प्रभावित हैं।

हर साल 8055 हेक्टेयर खेती होती है बाढ़ से बर्बाद

उन्होंने बताया कि हर साल बाढ से करीब 70 हजार 653 परिवार के तीन लाख की आबादी प्रभावित होती है। बाढ़ से 8055 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर भी असर पडता है। बाढ से निपटने के लिए कुल 41 बाढ चौकी, 6 बाढ राहत केन्द्र, 40 नाव, 7 बाढ़ राहत शरणालय बनाए गए हैं। जनकि एक दर्जन गोताखोर और दो दर्जन से अधिक आपदा मित्रों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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