बुजुर्ग पैसेंजर के लिए ट्रेन में सफर करना आसान नहीं होता है। अगर बुजुर्ग पैसेंजर को ट्रेन में अपर बर्थ अलॉट हो जाए तो मुश्किलें बढ़ जाती हैं। ऐसी ही मुश्किल का सामना करने पर एक ट्विटर यूजर ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) की तीखी आलोचना की है। इसके साथ ही ट्विटर यूजर ने IRCTC से पूछा कि वरिष्ठ नागरिकों को बर्थ अलॉट करने के लिए किस तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्या है मामला: ट्विटर यूजर ने लिखा- मेरे परिवार की दो बुजुर्ग महिलाएं, मां और दादी को अपर बर्थ अलॉट हुआ है। टिकट बनाने के लिए आप किस तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या आप 70-80 वर्ष की उम्र में अपर बर्थ पर चढ़ने में सक्षम होंगे? यूजर ने आगे लिखा कि एक बूढ़ी औरत कैसे अपनी सीट पर चढ़ेगी। एक गठिया रोगी कैसे अपर बर्थ पर चढ़ने में सक्षम होगा? कृपया मुझे जवाब दें! क्या यही जनता के प्रति आपकी सेवा है?
ट्विटर यूजर की आलोचना के जवाब में IRCTC की ओर से रेलवे सेवा के ट्विटर हैंडल से स्पष्टीकरण दिया गया है। इसमें बताया गया- भारतीय रेलवे की कम्प्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली में वरिष्ठ नागरिकों और 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिला यात्रियों को ऑटोमेटिक लोअर बर्थ आवंटित करने का प्रावधान है, भले ही कोई विकल्प न दिया गया हो।
हालांकि, यह बुकिंग के समय उपलब्ध लोअर बर्थ पर निर्भर करता है। आगे बताया गया कि ट्रेनों में सफर के दौरान भी टिकट चेकिंग स्टाफ वरिष्ठ नागरिकों को उपलब्धता के आधार पर लोअर बर्थ आवंटित करने के लिए अधिकृत हैं।