गाजीपुर जिले (Ghazipur District) के जमानियां (Zamania) क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले पडोसी राज्य बिहार (Bihar) को जोड़ने वाले 38 किमी लंम्बे हाईवे को बने हुए तीन साल बीत गया है। लेकिन आज तक वन विभाग के लापरवाही के चलते इस हाईवे के दोनों तरफ सुप्रीम कोर्ट कर आदेश व योजना के मुताबिक पौधरोपण नहीं हो सका है।
सतेन्द्र कुमार, संजय कुमार, शंम्भू राम, प्रहलाद, रामनिवास, सत्यप्रकाश आदि क्षेत्रीय राहगीरों और ग्रामीणों ने बताया कि चालू मानसून का आधा सफर बीत गया है। लेकिन विभाग व शासन की इसी उदासीनता के कारण इस हाईवे से गुजरने वाले विभिन्न तरह के सभी छोटे बडे वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं, वातावरण में फैल रहा है, जिससे कि प्रदूषण फैलने से वायुमंडल की आबोहवा प्रदुषित हो रही है।
छायादार व औषधीय युक्त पौधे लगाए जाना है प्रस्तावित
वहीं विभाग की माने तो दो वर्ष पहले शासन को करीब 5 करोड़ का प्रस्ताव भेंजा जा चुका है। लेकिन अभी तक उसे हरी झंडी न मिलने से यह समस्या बनी हुई है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बिहार को जोड़ने वाले इस हाईवे किनारे उन्नतशील विभिन्न प्रजातियों फलदार, ऑक्सीजन, छायादार व औषधीय युक्त पौधे लगाए जाना प्रस्तावित है। जो पौधे लगाए जाने हैं, उनमें प्रमुख रूप से आम, जामुन, बेल ,पीपल, पाकड, बरगद, अर्जुन, गूलर, नीम आदि है।
245 करोड़ से इस हाईवे का निर्माण शुरू कराया गया था
वर्ष 2016 में तत्कालीन सपा शासन में महत्वपूर्ण पड़ोसी राज्य बिहार को जोडने वाले इस मार्ग के चौडीकरण सुदृणिकरण के तहत सीसी तकनीकी के आधार पर इसके निर्माण के लिए कैबिनेट ने करीब 245 करोड़ से इस हाईवे का निर्माण शुरू कराया था। ग्रामीणों ने बताया कि उस दौरान चौड़ीकरण के नाम पर मार्ग के दोनों तरफ करीब 20/20 फीट के दायरे में धडल्ले पांच हजार से उपर विभिन्न प्रजातियों के पेड काट डाले, हाईवे किनारे पेड़ पौधे न होने राहगीरों को विभिन्न मौसमों में मार्ग से गुजरते समय परेशानियां उठानी पड़ती है।
इस बाबत सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने बताया कि, ''काटे गए पेडों की जगह नया पौधा लगाने के लिए शासन को पांच करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूर होते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।''