सैदपुर क्षेत्र में कई आवारा सांडों ने आतंक मचाया हुआ है। बीते कुछ महीनों से सैदपुर नगर में एक आवारा सांड आतंक का पर्याय बना हुआ है। नगर के दुकानदारों और क्षेत्र से नगर आने वाले बाइक चालकों में इसकी दहशत व्याप्त दिख रही है।
स्थिति यह हो गई है कि नगर के दुकानदारों को अपनी दुकानों के बाहर ग्राहकों की बाइक की रक्षा के लिए अलग से एक व्यक्ति की ड्यूटी लगानी पड़ रही है। फिर भी नगर की सड़कों पर खड़ी बाइके बमुश्किल ही इसके आक्रमण से बच पा रहीं हैं।
दुकानदार बाइकों को बचाने के लिए रख रहे अतिरिक्त कर्मचारी
लोगों की बार-बार शिकायत के बावजूद अभी तक नगर पंचायत इसे पकड़वा कर अपने पशु आश्रय में नहीं रख पाया है। जिससे नगर के व्यापारियों और बाइक चालकों में नगर पंचायत के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। सड़कों पर इसे देखते ही लोग अपनी बाइकों को लेकर निकलते बन रहे हैं। दुकानदार अपने ग्राहकों की बाइकों को इससे बचाने के लिए दुकान के बाहर अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने को विवश है।
कुछ लोग बाइकों में ही पुलिस की तरह अब डंडे लेकर चल रहे हैं। इस सांड को देखते ही बाइक चालक अपनी बाइक की सुरक्षा के लिए उसमें से डंडे निकाल कर खड़े हो जा रहे हैं।
आवार सांड दो लाख से अधिक रुपयों को कर चुका है नुकसान
हर दिन यह 10 से 15 बाइकों को छतिग्रस्त कर रहा है। इसे रास्ते में कहीं भी बाइक खड़ी मिलती है, यह उसे अपनी सिंगों और अगले पैरों के खुरों से जमीन पर गिरा देता है। जिससे बाइक के फाइबर के पार्ट और हेड लाईट आदि क्षतिग्रस्त हो जा रहे हैं। जिसे बनवाने में लोगों को आमतौर पर 500 से डेढ़ हजार रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं।
बीते 5 माह से अब तक यह लगभग 300 बाइकों से ज्यादा को छतिग्रस्त कर चुका है। अनुमान के मुताबिक इसमें बाइक चालकों को कुल लगभग 2 लाख रुपए से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ है।
ट्रेकुलाइज कर भेजा जाएगा दूसरी जगह
मामले में अधिशासी अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि सांड को चिन्हित कर लिया गया है उसे और सुभाष वाले में भी रखना ठीक नहीं। सैदपुर के सरकारी पशु चिकित्सालय के चिकित्सक सुनील शुक्ला से बात कर ली गई है। शुक्रवार को उसे ट्रेंकुलाइज कर दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा।