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खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं गंगा नदी, डूब गई फसलें, गांवों में तबाही का मंजर

गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कई इलाकों में गंगा के पानी से फसलें डूब गईं और समीपवर्ती गांवों के लोग पानी से घिर गए हैं। लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। बाढ़ से सदर, जमानियां, सैदपुर, सेवराई और मुहम्मदाबाद के करीब दो सौ गांव प्रभावित हैं। सोमवार को गंगा का जलस्तर 64 मीटर को पार कर गया है। गंगा की सहायक नदियां कर्मनाशा और मगई के भी उफान पर होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है।

प्रशासनिक अधिकारी लगातार बढ़ क्षेत्रों में घूमकर जनता को सुरक्षित करने में जुटे हैं। रेवतीपुर-कामाख्या धाम मार्ग, रेवतीपुर-रामपुर मार्ग, हसनपुरा-रेवतीपुर मार्ग, टौंगा-रेवतीपुर आदि संपर्क मार्ग पानी में डूब चुके हैं। आवागमन में लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गंगा किनारे से बहुत से पशुपालक अपने पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। केले की खेती करने वाले किसान परेशान हैं। अकेले रेवतीपुर गांव में करीब आठ सौ बीघा केले की खेती हुई है। यदि बाढ़ का पानी और बढ़कर खेतों में रुक गया तो केले की फसल में साथ-साथ किसानों को काफी नुकसान होगा। उर्दी, भतुआ, कोहड़ी व मिर्च, टमाटर का बेहन भी पानी से घिर गया है।

मुहम्मदाबाद क्षेत्र में गंगा का जलस्तर खेतों के साथ ही सड़कों पर फैलने लगा है। इससे गांवों का अब मुख्य सड़क से संपर्क कटने लगा है। एनएच-31 महादेवा मोड़ से गंगा तट जाने वाली मुख्य सड़क पर बच्छलपुर के पास बाढ़ के पानी का तेज धारा बहने से आवागमन ठप हो गया है। अब लोग नाव से आवाजाही कर रहे हैं। बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान सब्जी की खेती को हो रहा है।

बाढ़ को देखते हुए प्रशासन सेमरा के कटान पीड़ित परिवारों को बसाए गए शेरपुर के जलालपुर बस्ती से हटाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर सुरक्षित पहुंचाने में लगा हुआ है। रविवार को कई परिवारों को सामान सहित बाढ़ राहत केंद्रों पर पहुंचाया गया। सेमरा व शेरपुर गांव की बस्तियों में भी पानी घुसना शुरू हो गया है। वाराणसी-गाजीपुर सीमा पर गोमती का पानी से पूरा इलाका भर गया है। फसलें डूब गई है। चारों तरफ पानी भरने से ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

राहत की उम्मीद : सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि अभी आज तक गंगा का पानी बढ़ेगा, लेकिन अब कम होना शुरू होगा। जितना तेजी से पानी आ रहा है उतनी ही तेजी से डिस्चार्ज हो रहा है। सोन व अन्य नदियों में पानी न होने से गंगा का पानी तेजी से आगे की तरफ बढ़ रहा है। इसलिए अब ज्यादा बढ़ने की उम्मीद नहीं है।

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