गाजीपुर में जीवनदायिनी गंगा का बढ़ता जलस्तर गंगातट वासियों के लिए दहशत का कारण बना हुआ है। पिछले कई दशक से इस क्षेत्र में गंगा की धारा कहर बनती रही है। क्षेत्र में बाढ़ के खतरे की आशंका से ग्रामीण अपना सबकुछ समेट पलायन की राह पर नजर आ रहे हैं।
गंगा के उफान पर होने से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब शहरी इलाकों में भी परेशानी बढ़ने लगी है। सबसे अधिक परेशानी सेवराई, जमानिया, मुहम्मदाबाद और सैदपुर तहसील क्षेत्र में है। अब शहर में बंधवा इलाके में पानी घुस गया है। इसके अलावा कलेक्टर घाट, ददरीघाट, नवांपुरा घाट की सीढ़ियां भी डूब गई हैं। ऐसे में आस-पास मुहल्ले के लोगों में धुकधुकी बढ़ी हुई है।
घरों में गंगा के बाढ़ का पानी घुसने लगा
शहर के एक मुहल्ले में स्थित निजी स्कूल के प्रबंधक अमरनाथ ने बताया कि शहर के निचले इलाकों में गंगा के बाढ़ का पानी घुसने लगा है। हमारा शैक्षणिक संस्थान भी बाढ़ की चपेट में आ चुका हैं। जिससे जहां शिक्षण कार्य प्रभावित हो गया है वहीं बाढ़ से आम लोगों का जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है।
ग्रामीण रामविलास ने कहा कि बाढ़ के चलते गंगातट के न जाने कितने घर, खेत और खलिहान बढ़ती गंगा की धारा में गायब होगें। इसका आकलन करना कठिन है। ऐसे में ग्रामीणों की सुरक्षा के सवाल पर जिम्मेदार अधिकारियों के पास कोई ठोस योजना या उपाय नही हैं।
बाढ़ के समय गंगा का खतरनाक रूप
गाजीपुर जनपद के गंगातट पर बसे लोग गंगा की खतरनाक लहरों की चपेट में आकर बहुत कुछ खो चुके है। हर साल बाढ़ के समय गंगा और भी खतरनाक रूप ले लेती है। ऐसे में गंगा किनारे के बासिंदों के पास अपना आशियाना छोड़ पलायन की राह ही नजर आती है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा
सोमवार सुबह 6 बजे के आंकड़ों के मुताबिक गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से बढ़ रही है। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिले में गंगा 64.260 मीटर पर बह रही है। जबकि जिल में 63.105 मीटर पर खतरे का निशान है। ऐसे में बाढ़ को लेकर तटवर्तीय इलाकों में लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। प्रशासन अलर्ट मोड पर है।