गाजीपुर जिले में गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु का पार करने के बाद भी लगातार बढ़ रहा है। रविवार की सुबह तक एनएच 31 से मुख्य मार्ग गंगा की ओर कटने लगे हैं। आवाजाही बंद होने के बाद से ही बाढ़ का पानी लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर चुका है।
निचले इलाके पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं तो दूसरी ओर बाढ़ का पानी फसलों को चौपट कर रहा है। हरे चारे के अभाव में पशु भी अब ऊंचे इलाकों की ओर रुख करने लगे हैं तो घर बार गंगा के हवाले करके पलायन करने वालों की भी कमी नहीं है। माना जा रहा है कि बारिश के बीच बांध और पहाड़ों से छोड़ा गया पानी प्रलय की ओर है। ऐसे में निचले इलाकों से लोग ससमय पलायन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर मुहम्मदाबाद इलाके में बाढ़ का पानी शनिवार की शाम के बाद से फैलना शुरू हो गया है। एन एच 31 से गंगा तट जाने वाली मुख्य सड़क पर बच्छलपुर गांव के पास पुलिया के ऊपर से तेज धारा बह रहा है। उसी रास्ते से होकर लोग आवागमन कर रहे हैं। बाढ़ का पानी बच्छलपुर, तमलपुरा, बसाउकापुरा, जयनगर, लालूपुर, शेरपुर के सिवानों में फैल चुका है। बाढ़ से सबसे अधिक सब्जी की खेती को नुकसान पहुंच रहा है। शेरपुर इलाके में निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले के लिए ध्वनिविस्तारक यंत्रों से सचेत करने के साथ जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उन्हें बाढ़ राहत केंद्रों में चलने का आह्वान कर रहे हैं।
गंगा के तटवर्ती तमाम इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने के बाद से ही लोगों का जहां पलायन शुरू हो गया है वहीं स्कूल कालेजों की राह भी थम गई है। शहर में आने जाने का प्रमुख जरिया अब नौका संचालन ही है। जिले में गंगा का जलस्तर रविवार की सुबह एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा होने की वजह से लगातार पानी निचले इलाकों में भरता जा रहा है और नए इलाके बाढ़ की जद में आते जा रहे हैं। जबकि बांधों और पहाड़ों से लगातार पानी गंगा का जलस्तर बढ़ाए हुए है, दूसरी ओर लगातार रह रहकर हो रही बरसात कोढ़ में खाज साबित हो रही है।