गाजीपुर महर्षि विश्वामित्र राजकीय मेडिकल कालेज सें संबध होने के बाद जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार से जिला अस्पताल में नई सुविधा भी मिलनी शुरू हो गयी। चिकित्सकों की टीम ने मरीज का सफलता पूर्वकर पहला घुटना का प्रत्यारोपण किया। इसके साथ ही जिले में नई सुविधा का आगाज हो गया, जिसके बाद चिकित्सकों के चेहरे पर भी मुस्कान दिखी।
ओस्टोआर्थराइटिस के अलावा, गठिया का आर्थराइटिस, सेरोनेगिटिव आर्थराइटिस, किसी चोट या सदमे के बाद की आर्थराइटिस और घुटनों के जोड़ों में होने वाली असाध्य ट्यूमर भी मरीजों के लिए जटिल बीमारी बन जाती है। इन बीमारियों से ग्रसित जनपद के मरीजों को दूसरे जिलों में इलाज कराने व घुटनों का प्रत्यारोपण कराने के लिए जाना पड़ता था।
लेकिन अब इसकी सुविधा जिला अस्पताल में मिलने लगी है। बुधवार को चिकित्सकों की टीम ने विकास खंड मरदह के लहुरापार की रहने वाली शारदा देवी का घुटनों का प्रत्यारोपण चिकित्सकों की टीम की ओर से सफलता पूर्वक किया गया। डा. कृष्णा यादव ने बताया कि घुटनों को पूर्ण प्रत्यारोपण (टीकेआर) का इस्तेमाल घुटनों के दर्द में राहत देने और उसके कामकाज को सुधारने के लिए किया जाता है।
दरअसल यह घुटनों में होने वाले घिसाव और क्षय को रोकने और आर्थराइटिस में सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत शरीर के अंदर डाले जाने वाले कृत्रिम टुकड़े (अवयव) और अंगों के मिलान के साथ घुटनों में स्थिरता लाई जाती है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. आरएन सिंह ने बताया कि जब क्षतिग्रस्त घुटनों में सुधार न हो तो टीकेआर जरूरी हो जाता है।
टीकेआर के तहत सर्जिकल तकनीक और प्रत्यारोपित की गई चीजों को संगत बना कर मरीज की जिंदगी को बेहतर बनाया जाता है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आनंद मिश्रा ने बताया कि जल्द हीं मरीजों को अन्य सुविधाएं भी जिला अस्पताल से मिलेंगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है। ऑपरेशन के दौरान डा. प्रभात, डा. उदय सिंह भी मौजूद रहे।