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स्टेडियम न होने से खेतों की पगडंडियों का लेना पड़ता है सहारा, युवाओं में निराशा

देश में एक तरफ खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। देश के युवा अपनी प्रतिभा का देश-दुनिया में प्रदर्शन कर रहे हैं। खेल की तरफ युवाओं को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकारें दावे तो करती हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अनदेखी से अभी भी युवाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कासिमाबाद तहसील क्षेत्र में स्टेडियम नहीं होने से युवा नेशनल इंटर कॉलेज परिसर और पगडंडियों का सहारा लेते हैं। तहसील क्षेत्र से कई युवा भारतीय सेनाओं में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन कभी भी युवाओं की प्रतिभा निखारने के लिए किसी खेल मैदान को बनाने का प्रयास नहीं किया गया। क्षेत्र के युवा मंच के लोगों का कहना है कि यहां कई खेल प्रतिभाएं हैं, लेकिन मैदान के अभाव में निखार का मौका नहीं मिलता।

जन प्रतिनिधियों ने भी नहीं की मदद

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी कभी इस तरफ ध्यान नहीं दिया। वर्तमान सांसद और एमएलसी ने भी क्षेत्र के युवाओं के लिए स्टेडियम की घोषणा की, लेकिन वह भी धरातल पर नहीं दिखाई दे रहा। युवाओं का कहना है कि वह भी चुनावी वादों के साथ वादा ही रह गया। गांव के रहने वाले ऋषिकेश कुमार यादव ने बताया कि इस क्षेत्र में खेल के मैदानों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। दौड़ने के लिए न ही रनिंग ट्रैक है न वर्कआउट करने के लिए कोई जगह। हम लोग पगडंडियों पर दौड़ते हैं और अन्य अभ्यासों के लिए खुद की जगह बनाते हैं।

खेतों में पानी भरने से होती परेशानी

किशन तिवारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिलती है, जहां दौड़ते हैं वहां खेतों में पानी लग जाता है तो बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बृजभान सिंह ने कहा कि जब हम लोग ग्राउंड पर दौड़ने के लिए जाते हैं तो बारिश के मौसम में बहुत दिक्कत होती है, जिसकी वजह से हम सभी युवाओं को सड़कों पर दौड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। प्रदुमन राजभर ने बताया कि क्षेत्र के युवाओं को दौड़ने के लिए कोई मूल सुविधा नहीं है।

ट्रैक की नहीं हुई मरम्मत

कोच शिव कुमार यादव ने बताया कि कासिमाबाद क्षेत्र में प्रतिभा बहुत है लेकिन कासिमाबाद क्षेत्र में खेल का कही मैदान नहीं है। यह नेशनल इंटर कॉलेज विद्यालय का ग्राउंड है, जहां मैं 20 साल से लगातार क्षेत्र के युवाओं को निःशुल्क दौड़ाता हूं। टूटा फूटा ट्रैक है आज तक शासन-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है। शासन से युवाओं के लिए स्टेडियम बनाए जाने की मांग की।

प्रतिभाओं का हो रहा हनन

नेशनल इंटर कॉलेज मैदान से दौड़ लगाने वाले युवा शशांक सिंह भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। इसी क्षेत्र के सोनबरसा गांव का लाल मुलायम यादव जूनियर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया। इस क्षेत्र में लोगों में प्रतिभा बहुत है, लेकिन मैदान नहीं होने के कारण प्रतिभाओं का हनन हो रहा है।

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