गाजीपुर में 403 बेसिक स्कूलों को जर्जर घोषित किया गया था। जिसमें अबतक 108 जर्जर भवनों को ध्वस्त कर निलामी की जा चुकी है। जबकि 295 विद्यालयों की मूल्यांकन राशि ज्यादा होने के कारण ठेकेदार तैयार नहीं हो रहे है।
अब एक नवीन सूची और तैयार की गई है। जिसमें कुल 344 जर्जर भवन और कक्ष शामिल किए गए हैं। बताया जा रहा है कि तीन एक्सीयन कमेटी के द्वारा इसके मूल्यांकन की कार्रवाई को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी के पास फाइल भेजी गई है। उसके स्वीकृति होते ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।
ध्वस्तीकरण के लिए मूल्यांकन राशि निर्धारित
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए मूल्यांकन राशि निर्धारित करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग को दी गयी थी। लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से मूल्यांकन राशि अधिक निर्धारित करने के कारण नीलामी प्रक्रिया के दौरान ढूंढे से भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
इसके चलते आज तक उन सैकड़ों जर्जर भवनों को ध्वस्त नहीं किया जा सका। अब बेसिक शिक्षा विभाग फिर से जर्जर विद्यालयों का मूल्यांकन कराने की तैयारी में है। इसके लिए विभाग की ओर जिलाधिकारी एमपी सिंह को भी जर्जर भवन वाले विद्यालयों की सूची भेज दी गयी है। जर्जर भवनों को विभाग की ओर से जल्द ध्वस्त कराने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे बच्चों के साथ कोई हादसा न हो।
जर्जर स्कूलों की मूल्यांकन राशि अधिक कर दी
बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि पीडब्ल्यूडी ने जर्जर स्कूलों की मूल्यांकन राशि अधिक कर दी। इससे कई बार नीलामी प्रक्रिया के बावजूद कोई भी ठेकेदार खरीदने को तैयार नहीं हो रहा है। बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से जर्जर भवनों की ध्वस्तीकरण के लिए अलग-अलग मूल्यांकन राशि निर्धारित की गयी थी। जिससे निलामी प्रक्रिया के दौरान कोई भी ठेकेदार तैयार नहीं हुआ।
अब मूल्यांकन राशि कम करने के लिए फिर से जर्जर स्कूलों की सूची जिलाधिकारी एमपी सिंह को भेजी गयी है। वही शनिवार को गाजीपुर पहुंचे बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि जर्जर भवनों की नीलामी की प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है, भविष्य में ऐसी समस्या दूर हो जाएगी।