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सैदपुर पहुंचा सेना के जवान का पार्थिव शरीर, कल सड़क दुर्घटना में कन्हैया की हुई थी मौत

सैदपुर क्षेत्र के मठिया गांव निवासी सेना का जवान स्वतंत्रता दिवस के दिन शहीद हो गया। चंदौली जनपद के मुगलसराय में एक सड़क हादसे में उनकी मौत हुई। मुगलसराय में ही जवान का पोस्टमार्टम कराया गया। मंगलवार दोपहर उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया।

शरीर आते ही पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। जवान का पार्थिव शरीर सेना के वाहन निरस्त डीजे की देश भक्ति गीतों की धुन पर भारत माता की जयकारे लगाते हुए लाया गया। जौहरगंज श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। यहां जवान को सैनिक सम्मान के साथ उनके छोटे भाई सतीश यादव ने मुखाग्नि दी।

फौजी मामा को छोड़ने जा रहा था मुगलसराय

मठिया गांव निवासी कन्हैया यादव (36) आसाम की निशा मारी 404 फील्ड हॉस्पिटल में तैनात थे। बीती 14 अगस्त को वह 20 दिनों की छुट्टी पर घर आए। घर आने के बजाय कन्हैया सीधे भवानीपुर निवासी अपने फौजी मामा दिनेश सिंह यादव के यहां पहुंचे। जो 31 एफएडी पानागढ़ बंगाल में तैनात हैं।

कीचड़ की वजह से बाइक फिसली

कन्हैया यादव ने रात वहीं बिताया। अगले दिन 15 अगस्त की भोर में लगभग 3 बजे कन्हैया छुट्टी से वापस ड्यूटी जा रहे थे। अपने मामा दिनेश सिंह को बाइक से छोड़ने के लिए मुगलसराय जा रहे थे। तभी मुगलसराय के नई बाजार के पास कन्हैया की बाइक कीचड़ में स्लीप कर एक पोल से टकरा गई। जिसमें दोनों मामा-भांजे घायल हो गए।

छुट्टी पर घर कन्हैया नहीं, बल्कि उनका शव पहुंचा

मामा और भांजे दोनों को तत्काल मौके से चिकित्सालय भेजा गया। जहां इलाज के दौरान कन्हैया की मौत हो गई। मुगलसराय पुलिस ने कन्हैया का पोस्टमार्टम कराया। फिर वहां से कन्हैया के पार्थिव शरीर को सेना के ट्रक में रखकर पैतृक गांव मठिया लाया गया।

मंगलवार को गांव शव पहुंचते ही कन्हैया के परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन शव के ताबूत से लिपट कर रोने बिलखने लगे। घर के लोग कन्हैया का इंतजार करते रहे, लेकिन घर पर कन्हैया नहीं, बल्कि उनका शव पहुंचा।

बच्चों के सिर से उठा बाप का साया

कन्हैया अपने दो भाइयों में सबसे बड़े थे। छोटा भाई सतीश यादव भी सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा था। पिता महीप सिंह यादव की मौत काफी समय पहले हो गई थी। घर की जिम्मेदारी कन्हैया के ही कंधों पर थीं।

कन्हैया ने अपने पीछे पत्नी सोनी, माता सुमित्रा सहित अपने चार बच्चों खुशबू (14), खुशी (13), रानू (10) और रूद्र प्रताप (5) को छोड़ दिया है। घटना के बाद से ही सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव की महिलाएं सभी को ढाढस बंधाती रहीं, लेकिन कन्हैया परिजनों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

​​​​​​​कन्हैया की अंतिम यात्रा सैनिक सम्मान के साथ राष्ट्र भक्ति गीतों की धुन पर निकाली गई। शव यात्रा में क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण, सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवा, समाजसेवी और नेता शामिल रहे। मठिया से जोगी वीर बाबा मंदिर तक जवान की अंतिम यात्रा पैदल जुलूस के साथ निकली।

यहां से सभी लोग बाइक और चार पहिया वाहन पर सवार होकर जौहरगंज श्मशान घाट पहुंचे। जहां सैदपुर विधायक के प्रतिनिधि ओपी भारती, पूर्व सांसद राधामोहन सिंह, खेदन यादव, छोटे लाल यादव, युवा शक्ति संघ के अध्यक्ष सुनील यादव आदि ने पुष्प अर्पित कर कन्हैया यादव को श्रद्धांजलि दिया।

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