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पदक के चूके जौनपुर के जेवलिन थ्रोअर रोहित यादव, मिला छठवां स्थान

Jevlin Throw, Rohit Yadav बर्मिंघम कामनवेल्थ में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे जेवलिन थ्रोअर रोहित यादव का मुकाबला देर रात हुआ। उनका पहला थ्रो काफी अच्छा रहा। उन्होंने 80.66 मीटर थ्रो किया। दूसरे प्रयास में दूरी थोड़ी कम हो गई। वह 77.74 मीटर ही थ्रो कर सके। 

तीसरे प्रयास में थोड़ा सुधार किया और 78.73 मीटर थ्रो किया। चौथे प्रयास में एक बार फिर उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और 80.80 जेवलिन थ्रो किया। पांचवे में फिर दूरी कम हुई और इस बार थ्रो 79.41 मीटर रहा। छठवें प्रयास में रोहित ने मुकाबले का सबसे बेहतर थ्रो 82.22 किया लेकिन उन्हें छठवें स्थान पर संतोष करना पड़ा। जौनपुर के रहने वाले रोहित बीएलडब्ल्यू में वरिष्ठ लिपिक हैं।

बेटों को खिलाड़ी बनाने के लिए खुद खिलाड़ी बन दौड़े सभाजीत

रोहित यादव के पिता सभाजीत यादव खुद खिलाड़ी हैं। यह उनकी सिर्फ शौक नहीं बल्कि मजबूरी भी है। रोहित समेत तीन बेटों को खिलाड़ी बनाने का सपना पूरा करने के लिए जरूरी संशाधन इस खेल की बदौलत ही जुटाते हैं।

सभाजीत बताते हैं कि खेल के प्रति उनकी रूची बचपन से है। जहां जो भी खेलने का मौका मिलता है खेलते थे। थोड़े बड़े हुए तो स्थानीय स्तर के खेल प्रतियोगिता में भाग लेने लगे। जीतने पर उन्हें मेडल, ट्राफी के साथ कई बार नकद पुरस्कार भी मिलता था।

पुष्पा देवी से शादी के बाद तीन बेटों को खिलाड़ी बनाने के खर्च उनके पास मौजूद एक बीघा जमीन से पूरा नहीं हो सकता था। इसलिए खेल की ही आय का जरिया बनाया। जिला, प्रदेश व देश में होने वाली प्राइजमनी मैराथन रेस में भाग लेते रहे। जीतने कई बार उन्हें रुपये मिल जाते हैं। इन रुपयों से बच्चों खेल के सामान और अपने साथ उनकी डाइट का इंतजाम करने लगे। यह सिलसिला अब तक जारी है।

रोहित के बीएलडब्ल्यू में वरिष्ठ लिपिक पद पर तैनात होने से परिवार की आर्थिक स्थित सुधरी है। उनके लिए गौरव की बात है कि बेटा लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है। ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा के साथ विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे। दोनों कोच यूवी होन के साथ अभ्यास करते हैं।

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