थोड़ा समय लगेगा, लेकिन चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार के राजदरी- देवदरी जलप्रपात देखने आने वाले सैलानी आने वाले दिनों में स्काई वाक ग्लास ब्रिज का भी आनंद उठा सकेंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि वन विभाग को मुख्यालय की ओर से इस पर कसरत करने का निर्देश मिल गया है।
इस निर्देश के आलोक में वन विभाग की ओर से कार्ययोजना बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई। बिहार के राजगीर की तर्ज पर यह ग्लास ब्रिज जलप्रपात के ठीक सामने तैयार किया जाएगा। हालांकि वन विभाग इस आकलन में जुटा है कि इसके निर्माण से राजस्व में बढ़ोतरी होगी की नहीं। हर पहलु पर विचार कर कार्ययोजना मुख्यालय के माध्यम से पर्यटन विभाग को भेजा जाएगा।
विभाग को उम्मीद है कि इसके निर्माण के बाद सैलानियों की संख्या में आशातीत बढ़ोतरी होगी। इस ब्रिज की लंबाई लगभग 25 मीटर करने की चर्चा है। वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजदरी-देवदरी का विकास जारी है। ईको टूरिज्म के तहत चार करोड़ की लागत से राजदरी जलप्रपात पर एयर कंडीशन डारमेट्री कमरा, आडिटोरियम, इंटरप्रटेशन सेंटर, स्वागत कक्ष, बाथरूम, साइकिल ट्रैक, नेचर ट्रेल, काटेज हाउस का कायाकल्प किया जा रहा है। इसके अलावा वन विश्राम गृह, सीढ़ियों, समरहट व कैंटिन की मरम्मत सहित मुख्य गेट से जलप्रपात तक जाने वाले मार्ग का उच्चीकरण का कार्य किया जा रहा है। 90 फीसद से अधिक कार्य पूरा हो चुका है।
20 करोड़ से बना है राजगीर का ग्लास ब्रिज
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के जू-सफारी में बना स्काई वाक ग्लास ब्रिज 20 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। एक बार में 20 से 25 लोग इस ग्लास ब्रिज पर घूम सकते हैं। इस ग्लास ब्रिज पर चलने में ऐसा यह अहसास होता है कि हरी-भरी प्रकृति के ऊपर आप हवा में चल रहे हैं। ग्लास की मजबूती इस कदर है कि इस पर चलना जरा भी जोखिम भरा नहीं है।
स्काई ग्लास ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश प्राप्त हुआ
मुख्यालय की ओर से स्काई ग्लास ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। कार्ययोजना में यह भी शामिल किया जाएगा कि इसके निर्माण से राजस्व में बढ़ोतरी होगी की नहीं।