जनपद में एक भी डायलसिस यूनिट नहीं है, जिसके कारण डायलसिस के लिए लोगों को दूसरे जिलों का चक्कर लगाना पड़ता है। इसमें परेशानी के साथ-साथ लोगों की जेब भी ढ़ीली होती है। लेकिन जनपद के माथे पर लगा डायलसिस सेंटर के नहीं होने का कलंक भी दस अगस्त को धूल जाएगा, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आनलाइन उद्घाटन करते हुए बेहतरीन उपहार जनपदवासियों को देंगे। इससे न केवल जनपदवासी बल्कि सीमावर्ती बिहार व चंदौली की सीमा से लगे गाजीपुर के लोगों को भी काफी सहूलियत होगी।
45 लाख की लागत से जिला अस्पताल में छह बेड का डायलसिस सेंटर बनकर तैयार है। मशीनों को भी इंस्टाल कर लिया गया है। भविष्य में इसे बढ़ाकर दस बेड किया जाएगा। यहां एक एमबीबीएस चिकित्सक के अलावा एक मैनेजर व दो तकनीशियन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे। इस सेंटर का संचालन पीपी माडल पर किया जाएगा। लेकिन डायलसिस के लिए मरीजों से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
बीएचयू में इलाजरत मरीजों को किया गया सूचित
जनपद के जिन मरीजों का डायलसिस बीएचयू में चल रहा है, जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से उन्हें सूचित कर दिया गया है कि दस अगस्त से डायलसिस सेंटर काम करने लगेगा। इससे मरीजों व उनके स्वजनों में भी हर्ष है कि अब उन्हें वाराणसी का बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उधर 30 लाख की लागत से ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट भी बनकर तैयार है। इसके शुरू हो जाने से रक्त से प्लेटलेट व प्लाज्मा अलग करने की सुविधा भी जनपदवासियों को मिलेगी।
10 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा आनलाइन उद्घाटन का कार्यक्रम प्रस्तावित
मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. उर्मिला सिंह ने कहा कि डायलसिस सेंटर बनकर तैयार है। 10 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा आनलाइन उद्घाटन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। यहां जिले के सांसद व विधायक भी मौजूद रहेंगे। निश्चित तौर पर जनपदवासियों को काफी सहूलियत होगी।