यूपी की राजधानी लखनऊ के आसपास के क्षेत्राें को अब दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) के तौर पर विकसित करने की तैयारी है। इसमें लखनऊ के साथ कानपुर, उन्नाव-शुक्लागंज और बाराबंकी को शामिल किया जाएगा। जाहिर है ऐसा हुआ तो इन जिलों में विकास की रफ्तार काफी तेज हो जाएगी और कई नई और बड़ी योजनाओं का विस्तार होगा।
इस प्लानिंग के तहत ही शासन ने कानपुर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। इस पर केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह के डिजिटल प्रजेंटेशन में केडीए ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जमीन चकेरी इलाके में दिए जाने की संभावना जताई है।
प्रमुख सचिव आवास एवं नगर नियोजन नितिन गोकर्ण ने प्रजेंटेशन की सराहना करते हुए कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। यह भी कहा है कि राज्य राजधानी क्षेत्र विकसित करने के लिए लखनऊ से कानपुर, उन्नाव और बाराबंकी समेत सभी पड़ोस के शहरों से कनेक्टिविटी बेहतर की जाएगी।
कानपुर व्यावसायिक राजधानी की तरह है तो अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें भी होनी चाहिए। पिछले दिनों लखनऊ में ही यह बैठक हुई थी जिसमें केडीए की तरफ से बताया गया था कि न्यू बिजनेस सिटी (न्यू बिजनेस डिस्ट्रिक्ट) में इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लेकर व्यापार के लिए नया ठिकाना बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दो एजेंसियां हायर की गई हैं।
एससीआर में कामकाज को दिया गया नया नाम
प्रमुख सचिव ने राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) में विकास के लिए कामकाज करने के लिए प्लेटफॉर्म बनाया है। इसका नाम दिया गया है- ‘प्रीपरेशन ऑफ द रिक्वीजिट प्लान ऑफ द एक्शन ऑफ द डेवलपमेंट ऑफ काउंटर मैग्नेट एरिया ऑफ द एनसीआर’। इसी के तहत लखनऊ से लेकर कानपुर तक योजना बनेगी। जिस तरह नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव का वृहद विकास सुनियोजित योजना के तहत हुआ उसी तरह की कार्ययोजना इस क्षेत्र के लिए भी बनेगी।
16 सितंबर 2021 को शासन ने दिया था कॉन्सेप्ट
राज्य राजधानी क्षेत्र विकसित करने का कॉन्सेप्ट 16 सितंबर 2021 को शासन ने ही दिया था। तत्कालीन प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केडीए वीसी को निर्देश दिया था तभी से योजना तैयार करने पर काम चल रहा है। शासन ने निर्देश दिया कि एससीआर को ध्यान में रखते हुए विकास की ऐसी रूपरेखा प्रस्तुत करें जिससे लाखों लोगों को सहूलियत हो।
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी कदम उठाए जाएं। शुक्लागंज-उन्नाव विकास प्राधिकरण के अलावा सभी डीएम के जरिए भी इतना बड़ा लैंडबैंक विकसित किया जाए कि देश-विदेश के उद्यमियों को निवेश करने में आसानी हो।