कोरोना काल के दौरान गहमर स्टेशन पर बंद किए गए ट्रेनों के पुनः ठहराव के लिए ग्रामीणों का आंदोलन एक बार फिर गरमाने लगा है। क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों ने एशिया के सबसे बड़े और सैनिक बाहुल्य गांव गहमर के बस स्टैंड के समीप मिडिल स्कूल से एक कैंडल मार्च निकालते हुए गहमर स्टेशन पहुंच कर रेलमंत्री, चेयर मैन रेलवे बोर्ड, डीआरएम दानापुर, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियो को मार्फ़त स्टेशन मास्टर को पत्रक सौंपा।
गौरतलब हो कि कोरोना काल के बाद गहमर रेलवे स्टेशन से कई जोड़ी ट्रेनों का ठहराव खत्म कर दिया गया। इन ट्रेनों के पुनः ठहराव के लिए भूतपूर्व सैनिक, व्यापार मंडल, रेल ठहराव समिति, सिविल बार एसोसिएशन एवं ग्रामीणों का आंदोलन कई दिनों तक चलता रहा। रेलवे के बड़े अधिकारियों का आश्वासन मिलने के कुछ दिन बाद कुछ ट्रेनों का ठहराव तो हुआ, लेकिन बहुत समय बीत जाने के बाद भी अभी तक पूर्ण रूप से सभी ट्रेनों का ठहराव नहीं किए जाने से क्षेत्रीय ग्रामीणों का आंदोलन पुनः उग्र रूप धारण करने लगा है।
जनसभा करते हुए निकाला कैंडल मार्च
इसी क्रम में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण गहमर मिडिल स्कूल में एक जनसभा करते हुए कैंडल मार्च निकाला। यह कैंडल जुलूस गहमर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर स्टेशन मास्टर मनोज कुमार को पत्रक सौंप कर खत्म हुआ। आंदोलनकारियों ने चेताया कि अगले 10 दिनों के अंदर अगर हमारी ट्रेनों का पुनः ठहराव नहीं हुआ तो हम रेलवे प्रशासन के विरोध स्वरूप गहमर स्टेशन से गुजरने वाली रेल पटरियों पर किसी भी अनिश्चित दिवस और समय पर शांतिपूर्वक एक साथ रेल ट्रैक पर बैठने को विवश हो जाएंगे। तब तक रेलमार्ग को अवरुद्ध करने या अन्य किसी भी प्रकार की अनचाही घटना या दुर्घटना होने की स्थिति में सारी जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की होगी।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर सुधीर सिंह, महेंद्र उपाध्याय, अमित सिंह सिकरवार, आनंद मोहन, कुमार प्रशांत, चंदन सिंह, याहीया खान, सरफराज खान, सुरेंद्र सिंह, धीरेंद्र सिंह वकील, विमलेश सिंह, मुरली कुशवाहा, दुर्गा चौरसिया, अशोक सिंह, राजेश राय, वजीर खान सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।