जमानियां क्षेत्र में कई ऐसे सरकारी विद्यालय हैं, जो बाऊंड्री विहीन हैं। आज दस सालों से परिषदीय स्कूलों के बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। स्कूलों की स्थिति इतनी दयनीय है कि कहीं पर परिसर के बाहर पानी भरा रहता है। बच्चों को स्कूल के अंदर तक जाने में परेशानी होती है।
जमानियां क्षेत्र के विभिन्न गांवों में 56 परिषदीय स्कूल स्थित हैं। इनमें से अब तक सिर्फ सात स्कूलों का ही बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जा सका है। शेष 49 स्कूल अभी भी बाउंड्री विहीन पड़े हुए हैं। पिछले दिनों डीएम ने एक हफ्ते में निर्माण पूरा करने का सख्त निर्देश दिया था। बावजूद इसके निर्माण शुरू नहीं हो सका है।
कई बार छुट्टा जानवरों के आने की आशंका
इस कारण पढ़ने वाले नौनिहालों को स्कूल आते जाते समय या भोजनावकाश के समय हमेशा सुरक्षा को लेकर चिन्ता सताती है। विशाल यादव, अनुराग सिंह, यशवंत यादव आदि ग्रामीणों ने बताया कि बाऊंड्री वॉल न होने से कई बार हादसे में छात्र चोटिल हो चुके हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार उदासीन बने हुए हैं। ग्रामीणों व अभिभावकों ने बताया कि बाउंड्री न होने से छुट्टा जानवरों से लेकर अराजक तत्वों का बराबर जमावड़ा लगा रहता है। इससे अध्यापन कार्य भी प्रभावित होता है।
35 हजार से ज्यादा बच्चे हैं पंजीकृत
बता दें कि जमानियां क्षेत्र में कुल 261 विद्यालय हैं। जिनमें से 53 कम्पोजिट, 38 जूनियर तथा 170 प्राथमिक विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में 35,565 के आसपास छात्र छात्राएं पंजीकृत हैं। आधा दर्जन से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां काफी दिनों से स्कूल की बाउंड्री वॉल क्षतिग्रस्त है। इसमें प्राथमिक विद्यालय नवली प्रथम एवं द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय लखिमीपुर, अठहठाके पूर्व माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय एवं पूर्व माध्यमिक उधरनपुर हैं।
अभिभावकों का कहना है कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। बाउंड्री वॉल न होने से कई बार स्कूलों में चोरी तक हो चुकी है।
जल्द ही कराया जाएगा निर्माण
बीएस ए. हेमंत राव ने बताया कि विद्यालयों में चाहरदीवारी का निर्माण कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द ही इनका निर्माण पूरा हो जाएगा, ताकि पढ़ने वाले छात्र खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।