एसडीएम और तहसीलदार पर आरोप लगाते हुए सत्तारुढ़ दल भाजपा के जिला मंत्री संतोष चौहान व पश्चिम मंडल के महामंत्री अचल सिंह एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए। समर्थन में अन्य कार्यकर्ता भी बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता एसडीएम व तहसीलदार को हटाने की मांग पर अड़े थे। तीन घंटे तक कार्यकर्ता धरने पर रहे लेकिन कोई भी अधिकारी उनसे बात करने नहीं आया। जिला महामंत्री दयाशंकर पांडेय के आश्वासन पर कार्यकर्ता माने और पौने छह बजे धरना खत्म हुआ।
जिला मंत्री संतोष चौहान ने कहा कि इस समय सैदपुर तहसील के एसडीएम व तहसीलदार आमजनता का वाजिब काम भी नहीं किया जा रहा है जिससे जनता तहसील का चक्कर काटने को विवश है। कहा कि गैर दल के पैसे वाले दबंग किस्म के लोगों की पैरवी तो एसडीएम मान रहे हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।
मंडल महामंत्री अचल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता पूर्वक आमजनता का कार्य करने की बात कही है। जनता के मिलने व समस्याओं के निराकरण के लिए समय भी निर्धारित किया है, लेकिन इस तहसील में ऐसा नहीं हो रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। करीब तीन घंटे तक कार्यकर्ता धरने पर रहे लेकिन न तो एसडीएम उनसे बात करने गए और न ही तहसीलदार।
जिला महामंत्री दयाशंकर पांडेय व वरिष्ठ नेता ओंकार मिश्र पहुंचे। जिला महामंत्री ने जिला मंत्री व मंडल महामंत्री से जिलाध्यक्ष से फोन से बात कराई, बात होने के कार्यकर्ता चेतावनी के साथ धरना खत्म किया। चेतावनी दी कि अगर सप्ताह भर के अंदर अधिकारी द्वय का स्थानांतरण नहीं हुआ तो पुन: विशाल धरना-प्रदर्शन करेंगे। जिला महामंत्री ने कहा कि जिलाध्यक्ष ने डीएम से बात की है और उन्हें जिला मुख्यालय पर बुलाया है। उनसे मिलकर कार्यकर्ता अपनी समस्याओं को रखें।
व्यक्तिगत स्वार्थ को लेकर दिया धरना :
उपजिलाधिकारी, सैदपुर ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि नायकडीह गांव में पोखरे के पट्टे की नीलामी हुई जिसमें नीलामी एक मछुवारे के नाम से हुआ। भाजपा के अचल सिंह पट्टा अपने नाम पर लेना चाहते हैं जिसके लिए हाईकोर्ट भी गए हैं जिसमें सात सितंबर को तारीख पड़ी है। वे पोखरे का पट्टा उनके नाम पर करने के लिए दबाव बना रहे हैं और अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए यह धरना-प्रदर्शन कर करवा रहे है।