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धान की फसल पर बुरा असर, मौसम वैज्ञानिक का दावा- अबतक 291MM हुई बारिश

गाजीपुर में इस बार कम बारिश होने से फसलों के उत्पादन में खासी गिरावट की आशंका से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। लगभग पूरा जून बारिश नहीं होने और जुलाई में भी बहुत कम बारिश होने के कारण धान की फसल में विलंब हो गया है। मानसून सक्रिय तो हैं, लेकिन जुलाई में बहुत कम बारिश होने की वजह से किसान सूखे की आशंका से परेशान हैं।

किसान विजय यादव ने कहा कि हम आमतौर पर जून के पहले हफ्ते में नर्सरी में बीज बो देते थे और जुलाई के पहले हफ्ते में खेत में उसकी रोपाई कर दी जाती थी। खेत 10 जुलाई तक बारिश के पानी से भर जाया करता था। लेकिन इस साल रोपाई करना तो दूर बारिश की कमी के कारण हमारे बीज नर्सरी में ही खराब हो गए।

साथ मध्यम बारिश होने की सम्भावना

कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज गाजीपुर के मौसम वैज्ञानिक कपिल देव शर्मा ने बताया कि आने वाले 2-3 दिनों के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार घने बादल छाए रहने की सम्भावना के साथ मध्यम बारिश होने की सम्भावना है। अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेंटीग्रेड व न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की संभावना है। पश्चमी हवा औसत 08 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा से चलने की उम्मीद है।

धान की फसल के हिसाब से बहुत कम हुई बारिश

यह भी बताया कि जहां गाजीपुर जिले की वार्षिक औसत वर्षा 1034 मीमी है, वहीं अब तक गाजीपुर जिले में जून से जुलाई तक 291 मीमी. बारिश ही हो पाई है, जो कि धान की फसल के हिसाब से बहुत कम है। आगामी दिनों में बारिश होने की सम्भावना है। भारत में खरीफ की फसल मानसून पर आधारित है। वर्षा कम होने पर उत्पादन प्रभावित होता है।

सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

वहीं दूसरी ओर कम बारिश से किसानों की चिंता को देखते हुए जनपद की सांसद और विधायकों ने बीते दिन दिशा की बैठक में जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव भी पास किया है। सरकार से जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग भी की है।

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