कासिमाबाद क्षेत्र के सोनबरसा मातृत्व एवं शिशु केंद्र पर शुक्रवार को अवैध वसूली को लेकर दाई और एएनएम आपस में भिड़ गईं। डिलीवरी के पैसों को लेकर दोनों में कहासुनी हुई। आपस में एक दूसरे को बुरा भला करते हुए दोनों ने भीड़ के सामने सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। स्वास्थ्य विभाग के कर्मी डिलीवरी के बदले कितने रुपए लेते हैं, यह सच्चाई भी सामने आ गई। सीएमओ ने मामले में जांच कराकर कार्रवाई की बात कही है।
मातृ एवं शिशु उपकेंद्र सोनबरसा पर गुरुवार की देर शाम एएनएम और दाई के बीच डिलीवरी के पैसों को लेकर आपस में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों ने स्वास्थ्य विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की बखिया उधेड़ दी। दाई ने बताया कि 4 महीने पूर्व एएनएम ने मुझे यहां पर ट्रेनिंग देने के लिए रखा था। मैं मरीजों की देखभाल और डिलीवरी कार्य में सहयोग करती हूं।
एएनएम द्वारा प्रति डिलीवरी 3000 से लेकर 5000 की वसूली की जाती है। यही नहीं इस केंद्र पर आशाओं को प्रतिदिन एंबुलेंस के माध्यम से लाया जाता है। गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों से वसूली गई रकम में से आशा अपना कमीशन ₹700 और एंबुलेंस चालाक 200 से ₹500 तक लेते हैं। एएनएम बहादुरगंज बस स्टैंड स्थित एक निजी अस्पताल के लिए भी काम करती हैं। जहां गर्भवती महिलाओं को क्रिटिकल बताकर रेफर कराने के बाद, उनका सिजेरियन कराती है।
सीएमओ हरगोविंद के संज्ञान में मामला सामने आने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कासिमाबाद प्रभारी डॉ राजेश कुमार को शिकायत पत्र सौंपने को बोला गया। सीएमओ ने अपने वाट्सएप पर भी शिकायती पत्र मंगवाया, बताया कि प्रकरण गंभीर है और जांच कराकर मामले में कार्रवाई की जाएगी।