पिता की दरिंदगी का शिकार हुई 14 वर्षीय किशोरी ने जिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। हालांकि, चार घंटे बाद ही नवजात की मौत हो गई। अस्पताल में भर्ती किशोरी का स्वास्थय ठीक बताई जा रही है। मामले में दुष्कर्मी पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
शर्मनाक घटना डिडौली कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की थी। यहां रहने वाले 50 वर्षीय मजदूर पर परिजनों की गैरमौजूदगी में अपनी नाबालिग बेटी को डरा-धमकाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। बीती 11 जून को किशोरी की तबियत बिगड़ने पर जब परिजनों ने चिकित्सक की सलाह पर उसका अल्ट्रासाउंड कराया तो सात महीने की गर्भवती होने की पुष्टि होने पर उनके होश उड़ गए। मां और भाई के पूछने पर किशोरी ने अपनी पूरी आपबीती उन्हें सुना दी।
इसके बाद मामले में 14 जून को बेटे ने ही अपने पिता के खिलाफ बहन के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया था। अब किशोरी के बेटे को जन्म देने और नवजात की मौत के बाद एक बार फिर हर कोई दुष्कर्म के आरोपी पिता को कोस रहा है। उधर, डिडौली पुलिस मामले की जानकारी से इनकार कर रही है। वहीं जिला अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डा.चरन सिंह ने नवजात की मौत की पुष्टि की है।
दुष्कर्मी पिता को एक सप्ताह में ही सुनाई गई थी सजा
तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल के निर्देशन में इस केस की विवेचना डिडौली कोतवाली के एसएसआई रहे सुक्रमपाल राणा ने की थी। एक सप्ताह के भीतर ही उन्होंने मामले में अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद अदालत ने भी सुनवाई करते हुए दुष्कर्मी पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जिला अस्पताल में भर्ती कराई गई थी पीड़िता
अमरोहा। प्रसव पीड़ा होने पर पीड़िता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसने बेटे को जन्म दिया। उपचार के लिए मेरठ ले जाते समय बच्चे की मौत हो गई।