बेसिक शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों को सुविधा युक्त और रुचि पूर्ण शिक्षा देने का दावा किया है। विभाग निजी विद्यालयों से दो-दो हाथ करने की कवायद कर रहा है। वहीं, उनके अध्यापक भी अपने अपने तरीके से बच्चों को पढ़ाई के साथ अन्य क्रियाकलापों से जोड़कर एक अच्छा माहौल देने का प्रयास कर रहे हैं। जिले के एक विद्यालय के टीचर का यह अनोखा प्रयास आज सुर्खियों में है।
प्राथमिक विद्यालय कनहईपुर में पढ़ाई करने के साथ ही साथ मस्ती भी करायी जाती है। विद्यालय के शिक्षकों ने, जो बच्चे अपने घरों में अपना जन्मदिन नहीं मना पाते हैं। उनके जन्मदिन के महीने की आखिरी तारीख को सामूहिक रूप से विद्यालय में जन्मदिन मनाने का व्यवस्था शुरू की है। इस दिन बच्चे पूरी मस्ती में जन्मदिन मनाते हैं और नाच झूम कर खुशियां मनाते हैं। इससे बच्चों का विद्यालय के प्रति रुझान बढ़ा है।
छात्रों की संख्या लगभग 400 के ऊपर
प्राथमिक विद्यालय कन्हईपुर में छात्रों की संख्या लगभग 400 के ऊपर है। फिर भी आसपास के लोग अपने बच्चों का एडमिशन निजी विद्यालयों में कराने की बजाय विद्यालय में कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। लेकिन छात्रों की संख्या क्षमता से अधिक होने के चलते एडमिशन बंद कर दिया गया है।
मानसिक रूप से भी तैयार किया जाता
अगर हम विद्यालय की एक्टिविटी की बात करें तो यहां पर छात्रों को पढ़ाई के साथ ही साथ मानसिक रूप से भी तैयार किया जाता है। यह सब करने का कार्य किया है, यहां के टीचर अवनीश यादव ने। उन्होंने बताया कि अपने विद्यालय में 2 अक्टूबर के बाद से विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र छात्राओं, जिनका जन्मदिन उनके परिजन घर पर नहीं मना पाते हैं, ऐसे सभी छात्र-छात्राओं का महीने के अंत में उनके परिजनों को विद्यालय में बुलाकर जन्मदिन मनाने का काम किया जाता है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले- अच्छी पहल
बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमन्त राव ने बताया कि यह एक बहुत ही अच्छी पहल है। इससे बच्चों में आत्मविश्वास भी बढ़ता है और उन बच्चों को लाभ मिलता है जो अपने घरों में अपना जन्मदिन नहीं मना पाते हैं। इस तरह की एक्टिविटी से वहां बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। एक बेहतर शैक्षणिक माहौल विकसित हुआ है।