गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से तटवर्ती इलाके के लोगों को अब खतरे की आहट सुनाई देने लगी है। विगत दिनों से लगातार गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे गहमर गांव के घाट के किनारे बसे लोगों को अब बाढ़ का खतरा नजर आने लगा है। गांव के बबुरहनी एवं चकवा के मल्लाह बिंद जाति के लोगों को अब बाढ़ का भय सताने लगा है।
गहमर के शिवदास और निठाली बिंद ने बताया कि हर रोज गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। नरवा घाट की लगभग आधी सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं। अगर इसी तरह से पानी का बढ़ाव रहा तो जल्द ही सारी सीढ़ियां डूब जाएंगी। गंगा उस पार दीयर क्षेत्र के खेतों में भी पानी तेजी से फैलने के कारण अनाज और चारे की फसल जल्द ही नष्ट हो सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासनिक तौर पर बाढ़ राहत के लिए तैयारियां तो की जा रही हैं।
पशुओं के चारे के लिए किसान चिंतित
तटवर्ती इलाकों के लोगों को अभी कोई राहत नजर नहीं आ रही है। ग्रामीणों में सबसे ज्यादा परेशानी अपने पशुओं को लेकर बनी हुई है, अगर बाढ़ में अपना रौद्र रूप दिखाया तो जन समस्या के साथ-साथ पशु चारा के लिए भी काफी दुश्वारियां खड़ी हो जाएंगी। तटवर्ती इलाकों के किसान अपनी फसलों को लेकर भी काफी चिंतित हैं बताया कि पानी में डूबने के कारण फसलें नष्ट हो सकती हैं।
एसडीएम ने नजर बनाए रखने के दिए निर्देश
एसडीएम सेवराई राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि राजस्व कर्मियों को बाढ़ प्रभावित संभावित इलाकों में लगातार भ्रमण करने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ की स्थिति पर हर वक्त नजर बनाए हुए हैं। प्रशासनिक तौर पर लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने एवं राहत कैंप में रखने के साथ-साथ पशु चारा की सभी बंदोबस्त तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। आपदा के समय शासन स्तर पर बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए संबंधित कर्मचारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। पर्याप्त मात्रा में राशन एवं नाव की व्यवस्था की गई है।