सेवराई के उप जिलाधिकारी राजेश प्रसाद चौरसिया ने तहसील क्षेत्र में आई बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्य के लिए रणनीति बनाई। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को प्रशासन की मंशा अनुसार बचाव और राहत कार्य के लिए शिफ्ट वार कर्मचारियों की तैनाती करते हुए लोगों की मदद का निर्देश दिया। बताया कि प्रशासनिक तौर पर पूरी की जा चुकी है।
बाढ़ आपदा में राहत कार्य के लिए सेवराई तहसील प्रशासन के द्वारा 2 बाढ़ राहत केंद्र, 7 राहत कैम्प और 15 बाढ़ चौकी बनाई गई है। जहाँ 24 घण्टे 7 दिन शिफ्टवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। दोनो राहत केंद्र की जिम्मेदारी क्रमाश: BDO भदौरा व रेवतीपुर को दी गई है। इनके द्वारा बाढ़ राहत केंद्र से राहत कार्य की सारी गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
6 गांव हैं बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित
तहसील क्षेत्र में बाढ़ के कारण 6 गांव क्रमशः नसीरपुर, अठहठा, विरउपुर, हसनपुरा, कल्याणपुर उर्फ साधोपुर, रामपुर अति प्रभावित हैं। लोगों के आवागमन के लिए 4 गांव अठहठा, नसीरपुर, विरउपुर, हसनपुरा में नाव की व्यवस्था की गई है। किसी भी दशा में छोटी नाव नहीं चलेगी मझोली व बड़ी नाव ही संचालित होगी।
16 बड़ी नावों की की गई है व्यवस्था
सेवराई तहसील क्षेत्र के कुल 52 ग्राम प्रभावित है। जिनमे 21 गांव गैर आबादी वाले गांव है। जहां बाढ़ से आबादी प्रभावित नही है। वही 31 आबादी वाले गांव है। इसमें 18 गांव की आबादी अत्यधिक प्रभावित है। प्रशासन के तरफ से बाढ़ आपदा राहत के लिए मझौली 22 नाव तो बड़ी 16 नाव की व्यवस्था की गई हैं। इन समय तहसील क्षेत्र में एक भी गोताखोर नही है। लोगों से अपील की गई है कि सभी लोग पानी से दूर रहे। विषम परिस्थितियों में प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों को सूचना दे।
एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि बाढ़ राहत के लिए प्रशासनिक तौर पर सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। प्रारंभिक तौर पर जनपद में करीब दो हजार राहत पैकेट तैयार कराए गए हैं। जिन्हें परिस्थिति एवं जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार जनपद के संबंधित अति प्रभावित क्षेत्रों में वितरण किया जाएगा।