पांच साल पहले पत्नी की हत्याकर शव गंगा में फेंकने के आरोपी पति को गुरुवार दोपहर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पुलिस की चार्जशीट, गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया और इसे रिश्तों के विश्वास का कत्ल बताया। आजीवन कारावास के साथ आरोपी पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 संजय कुमार यादव की अदालत ने 2017 में पत्नी की हत्या के मामले में सुनवाई की। अभियोजन ने कोर्ट को बताया कि थाना जमानिया गांव नई बाजार उर्फ खरगसीपुर के अभिनंदन यादव उर्फ मंटू यादव ने अपनी बहन रेनू की शादी 2008 में भभुआ विहार के बहुआरा कुदरा निवासी पप्पू सिंह यादव के साथ किया था।
कुछ साल सब ठीक रहा लेकिन फिर आएदिन मारपीट और विवाद होने लगे। लगभग एक वर्ष से उसकी बहन मायके में रह रही थी तो 7 अप्रैल 2017 को उसके जीजा पप्पू यादव उसके घर आए और उसकी बहन व उसके बच्चे अर्पित को दवा कराने के बहाने ले गया। शाम होने तक पप्पू अपने घर नहीं पहुंचा और उसके घर भी वापस नहीं आया। लगभग 4 दिन बाद उसकी छोटी बहन निरमा यादव को एक समाचार पत्र के माध्यम से मिली, कि एक महिला की लाश गांव गायघाट पर मिलीं है।
फोटो देखकर उसने बहन को पहचाना और सूचना अपने भाई को दी। पुलिस के पास जाकर भाई ने कपड़ों के आधार पर शिनाख्त की। भाई मंटू की तहरीर पर थाना जमानिया में मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने विवेचना उपरांत आरोपी के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। दौरान विचारण अभियोजन की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कुल 10 गवाहों को पेश किया। सभी ने अपना अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया दोनो तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने उपरोक्त सजा सुनाई।