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दिलदारनगर में 6 से ज्यादा जगहों पर जलजमाव

बरसात से पूर्व नगर पंचायत परिषद की ओर से जलनिकासी को लेकर तैयारी की जाती है, लेकिन बारिश होते ही इसके पोल खुल जाते हैं। परिषद के अधिकारियों सहित कर्मचारियों की ओर से कागजों में जलनिकासी के लिए खाका भी खिच लिया जाता है। नगरवासियों को जलजमाव से निजात मिले, इसके लिए प्रत्येक वर्ष पांच से छह लाख रूपया भी खर्च किया जाता है। लेकिन 2022 की पहली बारिश में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़कों पर पानी भरा रहा। अब भी नगर पंचायत की ओर से धरातल पर इसकी समुचित व्यवस्था नहीं की गयी तो एक बार फिर आधा दर्जन से अधिक वार्डों में पानी भरेगा तथा नगरवासियों को जलजमाव की समस्या से जूझना पड़ेगा। नगर पंचायत की ओर से सिर्फ नालियों की सफाई कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री करने में जुटी हुई है।

दिलदारनगर पंचायत में कुल 11 वार्ड में विभक्त है। इन मोहल्लों में करीब 30 हजार आबादी निवास करती है। नगर पंचायत क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों में प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में व्यापक जल जमाव होता है। जलजमाव की समस्या से नगरवासियों को लगातार बारिश के मौसम में विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ता है। लगातार बारिश शुरू होते हीं कुछ मोहल्ले टॉपू में तब्दील हो जाते हैं। लोगों के घरों में पानी घुस जाता है। इस समस्या से जूझ रहे लोगों की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर पंचायत की ओर से कोई भी ठोस कदम नहीं उठायी जा रही है।

नगर पंचायत में जल निकासी व्यवस्था सिर्फ नालियों की सफाई तक हीं सीमित है। लोगों का आरोप है कि पिछले एक साल में जल निकासी के लिए नगरपंचायत की ओर से बड़े नाले का निर्माण नहीं हो सका है। इससे आने वाले बरसात के दिनों में नगरवासियों की समस्याएं ज्यों की त्यों बने रहने की संभावना है। लोगों का कहना है बाजार की मुख्य सड़कों पर भी जलजमाव रहता है, वहीं रामलील मैदान के परिसर में हल्की बरसात में जल जमाव शुरू हो जाता है, जो पूरे बरसात भर टापू बना रहता है। इससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बीमारियों को लेकर चिंतित

नगरपंचायत के लोगों को बीमारियों की चिंता सता रही है। नगर पंचायत में जलजमाव होना एक बड़ी समस्या है। नगरवासियों ने कहा कि उच्चाधिकारियों की ओर से इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो मच्छरों का प्रकोप बढ़ेगा। जिससे बीमारियां फैलने का डर सता रहा है। इसलिए नालियों की सफाई सहित अन्य बिंदुओं पर कार्य किया जाना चाहिए।

11 वार्ड का है नगरपंचायत

नगर पंचायत में 11 वार्ड है। इन वार्ड में रहने वाले लोगों को बारिश शुरू होते हीं जलजमाव सहित नालियों का सहीं निर्माण नहीं होने के कारण कई तरह की चिंता सताने लगती है। जलजमाव के दौरान अधिक बारिश होने पर आसपास के घरों में गंदा पानी प्रवेश करने लगता है।

नगर में टूटी पड़ी हैं नालियां

नगर पंचायत की ओर से क्षेत्र में टूटी नालियों की मरम्मत नहीं करायी जा रही है। वहीं नालियों की सफाई सहीं ढंग से नहीं की जाती है। जिससे सड़कों पर नालियों का गंदा पानी बह रहा है।

जलजमाव के छह स्थान चिह्नित

नगर पंचायत क्षेत्र में जलजमाव के छह स्थान चिह्नित किया गया है। इसमें रामलीला मैदान, सरैला रोड़, फत्तेपुर सहित आदि है। इन स्थानों पर रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष जलजमाव से निजात दिलाने के लिए अधिकारियों से वादा किया जाता है, लेकिन बारिश का मौसम बीतते हीं भूल जाते है।

छह लाख होते हैं खर्च

बरसात के मौसम में जलजमाव से निजात दिलाने के लिए नगर पंचायत की ओर से छह लाख रूपया खर्च होता है। लेकिन इसके लिए स्थायी व्यवस्था नहीं करायी जाती है। जिससे शासन से जारी धनराशि भी खर्च हो जाती है, वहीं लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है।

बरसात में होती है समस्या

नगर पंचायत दिलदारनगर में जलजमाव एक विकट समस्या है। इसके निदान के लिए अबतक कोई ठोस पहल नगर पंचायत की ओर से नहीं की गयी है। जलजमाव की समस्याओं को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया जाता है, लेकिन कोई भी इस मामले का संज्ञान नहीं लेता है।

कूड़ा निस्तारण के लिए चिह्नित जगह का उपयोग नहीं

नगर पंचायत की ओर से कूड़ा करकट के निस्तारण के लिए रकसहा गांव के पास स्थान चिह्नित किया गया है, लेकिन चिह्नित स्थान पर कूड़ा करकट नहीं फेका जाता है, जिससे आए दिन समस्या बनी हुई है। वहीं नगरपंचायत की परिसर में मरम्मत के अभाव में ट्राली बेकार पड़ी हुई है।

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