पहाड़ाें पर हो रही लगातार वर्षा के चलते गंगा के जल स्तर में बढ़ाव शुरू हो गया है। हालांकि यह बढ़ाव अभी महज 10 मिमी प्रति घंटा यानी 24 सेमी प्रतिदिन के औसत से ही अभी दर्ज किया गया है इसलिए बाढ़ का खतरा अभी दूर की बात है। मैदानों में सूखा की स्थिति के चलते यह बढ़ाव पश्चिमी-उत्तरी इलाकों में ज्यादा है। पूर्वांचल की बात करें तो प्रयागराज से वाराणसी तक ही गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। गाजीपुर में जलस्तर स्थिर बना हुआ है तो बलिया में अब पानी घटने लगा है।
मध्य गंगा खंड तृतीय कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार गंगा के जलस्तर में प्रयागराज में जहां 20 मिमी प्रति घंटा के वेग से वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं मीरजापुर व वाराणसी में यह वृद्धि 10 मिमी प्रति घंटा की दर से शनिवार के दिन से ही जारी है। गाजीपुर में दोनों दिन गंगा के जलस्तर में स्थिरता बनी रही। जबकि बलिया में रविवार को पिछले 24 घंटों की अपेक्षा 10 मिमी प्रति घंटा के वेग से कमी दर्ज की गई। ये रिकार्ड रविवार की सुबह आठ बजे लिए गए थे।
अब तक रुठे बदरा, शायद मान जाएं। सोमवार से आसमान में इनकी सक्रियता बढ़ सकती है। देश के पश्चिमी छोर पर जा अटकी मानसून की द्रोणिका के ऊपर उठने के संकेत मिलने लगे हैं। इसे देख मौसम विज्ञानियों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित पूरे राज्य में बूंदाबांदी के साथ वर्षा के शुभारंभ का सुखद संदेश दिया है। संभावना है कि मंगलवार से इस क्षेत्र में भी औसत वर्षा की शुरुआत हो सकती है।
बहरहाल, रविवार को वाराणसी में जलस्तर 59.06 मीटर रिकार्ड किया गया। जबकि शनिवार को यह 58.82 मीटर पर था। यानी 24 घंटे में 24 सेंमी की वृद्धि हुई। इसी तरह मीरजापुर में 64.14 मीटर पर रहा पानी रविवार को बढ़कर 64.46 मीटर पर पहुंच गया। यानी वहां 32 मिमी जलस्तर में वृद्धि हुई।
पूर्वांचल में गंगा के जलस्तर की स्थिति
जनपद वर्तमान चेतावनी बिंदु
वाराणसी 59.06 मीटर 70.262 मी.
मिर्जापुर 64.46 मीटर 76.724 मी.
गाजीपुर 52.54 मीटर 62.105 मी.
बलिया 50.8 मीटर 56.615 मी.
प्रयागराज 73.02 मीटर 83.734 मी.