आजमगढ़ जिले में हौसला बुलंद अपराधियों पर लगाम कसने के प्रयास के बाद भी उनपर लगाम लगाने में पुलिस व्यवस्था फेल है। इसी कड़ी में जिले में शिवपाल यादव से बीस लाख रुपये रंगदारी मांगने का मामला साने आया तो पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उनको बाडीगार्ड उपलब्ध कराया है। मोबाइल पर तीन बार अज्ञात बदमाशों ने फोन करके 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी तो सर्विलांस के जरिए फोन करने वाले का पता लगाने में जुटी पुलिस को अभी तक खास क्लू नहीं मिल सका है।
आजमगढ़ के मुबारकपुर में बसों का संचालन करने वाले शिवपाल यादव को लगातार तीन दिनों तक फोन कर 20 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस कई तरह की आशंकाओं से जूझ रही है। बदमाशों तक पहुंचने को कोशिशों के बीच बस मालिक की सुरक्षा में दो सिपाहियों को लगाया गया है। अभी तक की छानबीन में पुलिस किसी ठोस नतीजे पर पहुंच नहीं पाई है।
मूल रूप से मऊ जिले के मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के नगपुर नेवादा के रहने वाले शिवपाल यादव दो दशक पहले 1990 में मुबारकपुर कस्बे के एक निजी स्कूल में शिक्षक की नौकरी करने आए थे। यहां शिक्षक रहते हुए ट्रैवेल काराेबार शुरू किया, तो उसमें लाभ मिलता गया। धीरे- धीरे बसों की संख्या बढ़ती गई और आज उनकी दो दर्जन बसें मऊ, गोरखपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर आदि के लिए चलती हैं। मुबारकपुर में रोडवेज अड्डा के पास मकान बनवाकर यहीं के हो गए। इस बीच उनकी कमाई पर बदमाशों की नजर पड़ी तो 17 व 18 जुलाई को 20 लाख रंगदारी की मांग कर डाली।
बताया कि दो दिन आए फोन को उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब तीसरी बार रंगदारी न देने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गई, तो वह भयभीत हो उठे और मुबारकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उनकी शिकायत को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करा दी। थाना प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि बस मालिक ने जो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया है, उसकी छानबीन शुरू कर दी गई है। फोन करने वाले तक पहुंचने के लिए सर्विलांस का भी सहारा लिया जा रहा है।