संभावनाओं के अनुरूप देर से ही सही लेकिन सूर्यास्त के समय मानसूनी बादलों ने पूर्वांचल में प्रवेश कर ही लिया और फिर चहुंओर वर्षा होने से मौसम सुहाना हो गया। हालांकि कहीं-कहीं यह वर्षा झमाझम रही तो कहीं बूंदाबांदी तक ही लेकिन आसमान में बादलों का डेरा बना हुआ है। उम्मीद है कि गुरुवार को और भी अच्छी वर्षा होगी और खरीफ की औंधे मुंह पड़ी खेती में जान आएगी और कृषि कार्य तेज हो जाएंगे।
मानसूनी द्रोणिका के काफी दिनों तक राजस्थान में अवस्थित हो जाने के कारण लगभग तीन सप्ताह तक वर्षा नहीं हुई। इससे धान की नर्सरी खेतों में ही सूखने लगी थी। खेतों में दरारें पड़ जाने से उन्हें बचा पाना किसानो के लिए मुश्किल हो रहा था। इधर आम जनमानस प्रचंड गर्मी और उमस झेलकर बीमार पड़ रहा था। खैर, मानसूनी ट्रफ ने रविवार से अपना स्थान बदलना शुरू किया और उम्मीद के मुताबिक बुधवार को उत्तर प्रदेश में पहुंच गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शाम तक पहुंचे मानसून ने जमकर वर्षा की। इससे मौसम सुहाना हो गया।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि मानसूनी ट्रफ कल तक अपनी सामान्य स्थिति में पहुंच जाएगा। उम्मीद है कि यह वाराणसी को भी पार कर जाएगा। इससे गुरुवार को अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है। यह वर्षा दो-तीन दिनों तक कभी तेज, कभी मद्धिम गति से बनी रहेगी। इससे खेती को संजीवनी मिल जाएगी। बीएचयू के प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मानसूनी ट्रफ के दो-चार दिनों तक पूर्वी उत्तर प्रदेश और गंगा के मैदानी क्षेत्रों में बने रहने की संभावना है। इससे मानसूनी वर्षा होगी।
बुधवार शाम से गाजीपुर में शुरू हुई बरसात ने लोगों को गर्मी व बेचैनी से राहत देते हुए मानसून का एहसास करा दिया, रात भर बूंदाबांदी के बाद गुरुवार को सुबह से ही गरज चमक के साथ तेज बरसात शुरू हुई, सुबह सुबह शुरू हुई बरसात के चलते विशेष रुप से बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से वह बच्चे जो अपनी साईकिल या फिर अपने अभिभावक के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर स्कूल पहुंचते हैं, इनमें से ज्यादातर बच्चे हाथों में छाता लिए बरसात से बचते बचाते या फिर रेनकोट पहनकर जल्दी-जल्दी स्कूल पहुंचते नजर आए। वहीं बारिश ने लोगों को सही मायने में सावन महीने का भी एहसास कराया।