सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर सोमवार को देवाधिदेव का जलाभिषेक करने के लिए शहर के घाटों से गंगाजल भरकर बोल-बम का जयकारा लगाते हुए महाहर धाम जाने वाले कांवड़ियों की भीड़ उमड़ती है। इस माह में बाजार की रौनक बढ़ जाती है।
शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में तरह-तरह के भगवा वस्त्रों, गमछा, लोवर, बरमूडा, शर्ट, टी-शर्ट, छोटे तथा बड़े कांवर, गंगाजल भरने के लिए तरह-तरह के पात्र, लाकेट, माला, पट्टी सहित अन्य पूजन सामग्रियों की स्थाई एवं अस्थाई दुकानें सज गई हैं। कांवरियों के लिए भगवा रंग में कई प्रकार के शर्ट, कालरदार एवं गोल गले की टी-शर्ट तथा लोवर, बरमूडा, हाफ पैंट दुकानों पर बिक्री के लिए उपलब्ध है।
इसमें शर्ट एवं टी-शर्ट पर भगवान शिव एवं माता पार्वती के चित्र बने हुए हैं तो कुछ पर शिवलिंग या ओम लिखा हुआ है। इनकी कीमत 200 से लेकर 500 रुपए तक है। बोल-बम के गमछे तथा ओमकार से युक्त गमछे भी बाजार में उपलब्ध हैं। 80 रुपए से लेकर 200 तक की कीमत में ये उपलब्ध हैं। इसके अलावा माथे की पट्टी या कांधे पर महावर भी भगवान शिव को समर्पित है।
यह अलग-अलग कीमतों में उपलब्ध है। पैसा तथा जरूरी चीजों को रखने के लिए प्लास्टिक या रेक्सीन के पर्स तथा कमर में बांधने के लिए बेल्ट भी मिल रही है। शिव के भक्तों के लिए बाजार में कम कीमत में बड़े और आकर्षक कांवर लाए गए हैं। छोटे-बड़े हर प्रकार के महिला पुरुष कांवर लेकर शिवधाम तक यात्रा करते हैं। छोटे-बड़े कांवरों की अलग-अलग कीमत है। ये डेढ़ सौ से लेकर तीन सौ तक में बिक्री के लिए उपलब्ध है। जबकि पिट्ठू बैग 25 से 60 रुपये तक में उपलब्ध है। वहीं झोला 30 से 100 रुपये में उपलब्ध है। कांवर पर मंदिर, नाग, फूल, ओम तथा शिव की मूर्ति भी कांवरिया लगवा सकते हैं।