गाजीपुर जिले की जमानिया तहसील क्षेत्र स्थित हरिश्चंद्रपुर गांव में 2010-11 में करीब 45 लाख रुपये की लागत से बना सामुदायिक भवन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। यही नहीं यह भवन अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। बावजूद अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसको लेकर लापरवाह बने हुए हैं।
कैप्टन बब्बन राम, कृष्ण मेनन पांडेय,केदार उपाध्याय, उमाशंकर उपाध्याय,नंदकिशोर यादव,लल्लन यादव आदि ग्रामीणों ने बताया कि इस सामुदायिक भवन का हैंड ओवर तो दूर आज तक उद्घाटन नहीं हुआ। इसे हर तरह की सुविधाओं से सुसज्जित किया गया था। लेकिन लाखों के बेशकीमती सामानों पर लापरवाही का जंग लग चुका है। बरसात के मौसम में यह पूरी तरह से डूब जाता है । यही नहीं अधिकतर सामुदायिक भवनों की स्थिति बदतर है।
लोगों को कार्यक्रम करने में होती है परेशानी
इस कारण न सिर्फ विभिन्न आयोजनों में ग्रामीणों को परेशानी होती है, बल्कि लोगों को हादसे का अंदेशा भी सता रहा है। इस सामुदायिक भवन का जल्द जीर्णोद्धार कराया जाए ताकि इसका लाभ मिल सके। ग्रामीणों ने बताया कि स्थिति यह कि यह भवन कभी भी धराशायी हो सकता है। शिकायतों और आवेदनों के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिला। परिणाम स्वरूप लोगों को विभिन्न तरह के आयोजन को विवश होकर सड़कों पर करने पड़ते हैं।
सामुदायिक भवन की जर्जर हालत
गाँव के लोगों को सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रमों के लिए एक छत उपलब्ध कराने का सामुदायिक भवनों का महत्व किसी से छिपा नहीं है। हर मोहल्ले में ऐसे कार्यक्रमों के लिए सुविधायुक्त स्थान की जरूरत पड़ती है। जहां मोहल्ले के लोग शादी-विवाह समारोह कर सकें। अपने घर आने वाली बारात को ठहरा सकें। ऐसे में इस सामुदायिक भवन की जर्जर हालत से ग्रामीण परेशान हैं।
खंड विकास अधिकारी सुरेन्द्र बहादुर राणा ने बताया कि जर्जर हो चुके सामुदायिक भवन के कायाकल्प के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव मंजूर होते ही मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा।