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पुलिस ने सीज किया वांछित की पौध लगी पिकअप, थाने में पड़ी सूख रही है धान की पौध

सैदपुर में दो पक्षों के बीच मारपीट हो गई। पुलिस ने वांछित के नहीं मिलने पर उसके घर खड़े धान के हजारों पौधों से लदे पिकअप को थाने लाकर सीज कर दिया। जिससे पौधे मुरझाते हुए दिखे।

यह था मामला

दरअसल सैदपुर थाना क्षेत्र के बौरवां गांव में कुछ दिन पूर्व दो पक्षों के बीच हुई मारपीट और झगड़ा हो गया। जिसकी शिकायत सैदपुर थाने पर पहुंची थी। जिसके संबंध में शुक्रवार की दोपहर बीट के दरोगा हैदर अली के साथ पुलिस टीम जांच करने पहुंची थी। जहां एक पक्ष के नहीं मिलने पर पुलिस ने उसके दरवाजे पर खड़ी धान के हजारों पौधों से लदी पिकअप को पौधों सहित सीज कर दिया। इसके बाद पौधों से लदी पिकअप को कब्जे में लेते हुए उसे थाने में खड़ा कर दिया।

सूखे में तैयार किए गए थे धान के पौधे

गौरतलब है कि पूर्वांचल सहित गाजीपुर क्षेत्र में बरसात अपने निर्धारित समय से 1 महीने की देरी से शुरू हुई है। जिसके कारण धान के पौधों की रोपाई 20 दिन पिछड़ गई है। ऊपर से छांव और नीचे से पानी देकर 42 से 47 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान के बीच, धान की नर्सरी को किसान अपने बच्चों की तरह पालते रहे हैं। इस दौरान नर्सरी में लगभग 30 से 40% तक पौधे सूख चुके हैं। बेहद कठिन और विपरीत परिस्थितियों में किसानों ने किसी तरह, अब तक वर्षा की आस में अपनी नर्सरी को पाले-पोसे रखा था। किसानों के लिए यह आपातकाल है। स्थिति यह है कि इस समय लगातार विभिन्न राजनीतिक दल जनपद को सूखा घोषित करने के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं।

बारिश लेट होने से धान की नर्सरी पर असर

आमतौर पर किसान अपनी नर्सरी में जरूरत से ज्यादा पौधे लगाते हैं। ताकि विषम परिस्थितियों में भी कम से कम बचते बचाते, कुछ धान की खेती जरूर कर लें। इस दौरान किसान ठीक-ठाक वर्षा देखकर, पौध घटने बढ़ने पर एक दूसरे से लेनदन भी कर लेते हैं। लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग हैं। नर्सरी के ज्यादातर पौधे सूख जाने के कारण किसानों को अपनी खेती के लिए ही पौधे कम पड़ रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार की दोपहर को थाने में खड़ी पिकअप पर कुम्हलाते पौधों पर जिसकी नजर पड़ी, उसके मुंह से आह निकल गई।

जमीनी विवाद में भी राजस्व विभाग रखता है फसल का खयाल

अक्सर यह देखा गया है कि 2 पक्षों के बीच जमीन को लेकर हुए विवाद में राजस्व विभाग कोई भी निर्णय, विवादित जमीन पर लगी फसल की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही लेता है। खड़ी फसल को जबरन जोतने वालों पर मुकदमे पंजीकृत होते रहे हैं। यहां हर हाल में फसल के सुरक्षा का ध्यान दिया जाता रहा है। ऐसे ही जब कभी किसी वाहन से या पैदल, अवैध तरीके से पशुओं को ले जाते लोग या वाहन पकड़े जाते हैं, तब भी वाहन और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उसपर लदे जानवरों को खाने पीने की व्यवस्था के साथ तत्काल पशु आश्रालय भेजा जाता है।

पिकअप को सीज करने वाले दरोगा हैदर अली ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच में जमीनी विवाद को लेकर मारपीट हुई थी। उस मामले में पौध लदे पिकअप को लाकर सीज किया गया है।

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