इन दिनों बरसात ना होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ नजर आ रही है। नहर भी सूखी है, जिससे वे धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। सेवराई में कांग्रेस के प्रदेश सचिव अहमद शमसाद बुधवार को चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल जमानिया से चलकर दिलदारनगर, उसिया, करवनिया का डेरा आदि होते हुए गोडसरा पहुंचे।
यहां पर छोटी नहर में किसानों के साथ बैठकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। चेताया कि अगर जल्द ही नहरों में पानी नहीं डाला जाएगा तो तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
धान की नर्सरी पूरी तरह से सूख चुकी है
बता दें कि नहरों में पूरी क्षमता के साथ पानी ना छोड़े जाने के कारण टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इससे हजारों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव अहमद शमशाद ने बताया कि क्षेत्रीय अधिकारियों को कई बार किसानों की समस्या के बारे में बताया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। क्षेत्रीय किसानों ने बताया कि पानी के अभाव में धान की नर्सरी पूरी तरह से सूख चुकी है। अकेले उसियां मौजा में सैकड़ों बीघा की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है।
दस दिनों में पानी नहीं मिलने से सूख जाएगी फसल
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अगर अगले 10 दिनों में बरसात नहीं हुई या फसलों में पानी नहीं गया तो धान की पैदावार पर असर पड़ेगा। कई किसान कर्ज लेकर फसल की रोपाई के लिए धान की नर्सरी डाले हुए हैं। बरसात नहीं होने से खेतों में एक बूंद पानी भी नहीं मिल पाई है। मायूस किसान यही कह रहे हैं कि "क्या वर्षा जब कृषि सुखाने" अर्थात फसल सूखने के बाद बरसात का क्या महत्व होगा।