सावन के पहले सोमवार को उत्तर प्रदेश के शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, वहीं बहुप्रतीक्षित कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई। कोविड-19 के प्रकोप के कारण दो वर्षों से यह यात्रा स्थगित चल रही थी। प्रदेश के सभी 840 कांवड़ यात्रा मार्गों पर कड़ी निगरानी रखते हुए पुलिस हाई अलर्ट पर है। कुछ मार्गों पर ड्रोन से तो कुछ मार्गों पर हेलीकाप्टर से नजर रखने की व्यवस्था की गई है। कांवड़ यात्रा पर आतंकी खतरे की आशंका को देखते हुए क्यूआरटी की तैनाती समेत अन्य प्रबंध की किए गए हैं।
सावन के पहले मेरठ जोन के जिलों के अलावा वाराणसी कमिश्नरेट एवं वाराणसी ग्रामीण में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। इन जिलों में होने वाली भीड़ के कारण डीजीपी मुख्यालय की तरफ से पहले ही अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध करा दिए गए हैं। छह जिलों में 81 ड्रोन और 1902 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था भी गई है। कांवड़ यात्रा से संबंधित जिलों में 151 कंपनी पीएसी और 11 कंपनी केंद्रीय पुलिस बल तैनात हैं। किए गए हैं। साथ ही कांवड़ यात्रा मार्गों पर 1195 क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) तैनात है।
खुफिया तंत्र भी पूरी सतर्क है। यात्रा मार्ग के आसपास के शहरों व कस्बों से लेकर कांवड़ियों के बीच तक पैठ बनाई गई है। छोटी-छोटी बात पर उपद्रव की आशंका को देखते हुए अफवाहों का तत्काल खंडन करने के इंतजाम भी किए गए हैं। सोशल मीडिया की भी लगातार निगरानी की जा रही है। सावन की शिवरात्रि का मुख्य पर्व 26 जुलाई को है। कांवड़िए इसी दिन शिव मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे।
इस बार सावन में कुल चार सोमवार होंगे, जिसमें पहला सोमवार शांतिपूर्ण ढंग से बीत गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में जलाभिषेक किया। प्रदेश में कुल 4556 ऐसे शिवालय हैं, जहां जलाभिषेक किया गया। इसी तरह कुल 332 नदी एवं घाट ऐसे हैं, जहां से कांवड़ियों द्वारा कांवड़ में जल भरा जा रहा है। पिछले अनुभवों के आधार पर कांवड़ यात्रा मार्गों पर 927 संवेदनशील (ट्रबल स्पॉट) स्थान चिह्नित हैं। इन स्थानों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं।