सैदपुर नगर के बुढ़ेनाथ महादेव घाट पर जल परिवहन के लिए जेटी का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। इसके लिए जल परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ एडीएम, तहसीलदार और ईओ ने शनिवार शाम दो घाटों पक्का घाट औश्र बुढ़ेनाथ महादेव घाट का स्थलीय निरीक्षण किया। प्रशासनिक अधिकारियों से सुझाव भी लिए और घाटों की वर्तमान दशा भी परखी। जिसमें बुढ़ेनाथ महादेव घाट को जेटी निर्माण के लिए सबसे अनुकूल पाया गया।
नगर के बूढ़ेनाथ महादेव घाट पर फ्लोटिंग जेटी बन जाने से यह घाट पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने लगेगा। इससे यहां नौकायन के रूप में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। घाट तक लोगों की आवाजाही बढ़ने से कमजोर होते जा रहे नगर के पुराने बाजारों को भी नई ऊर्जा मिलेगी। घाट के सामने गंगा की रेती का विशाल मैदान है। जिसके कारण समुद्र के किनारे बीच जैसा आनंद लेने के लिए लोग उस पार भी जाएंगे। इससे चंदौली जनपद के तटीय लोगों को भी लाभ मिलेगा।
जीविकोपार्जन के लिए सिर्फ मछली के शिकार पर निर्भर नहीं होना होगा। निषाद समाज के लोगों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। एडीएम अरुण कुमार सिंह, तहसीलदार नीलम उपाध्याय व ईओ आशुतोष त्रिपाठी ने शनिवार शाम स्थलीय निरीक्षण किया। तहसीलदार ने बताया कि नगर के दो घाटों के निरीक्षण में फ्लोटिंग जेटी लगाने के लिए बुढ़ेनाथ महादेव घाट सबसे अनुकूल पाया गया। घाट के आसपास की जमीनों की जांच के लिए राजस्व टीम लगाई गई है। जेटी निर्माण के साथ ही घाट पर छांव की व्यवस्था, चेंजिंग रूम आदि व्यवस्थाएं भी की जाएंगी।
जेटी और उसकी उपयोगिता
जेटी डब्ल्यू आकार का एक फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म होता है। जिसके अंदर नौकाओं को खड़ा किया जाता है। इसके माध्यम से नौकाओं से सामान और यात्रियों को आसानी से उतारा और चढ़ाया जा सकता है। इसके अंदर खड़ी नौकाओं पर नदी के बहाव और लहरों का असर बेहद कम पड़ता है। यह अस्थाई होता है, जो नदी में बाढ़ के दौरान ऊपर नीचे होते हुए किनारे से सटी रहती है। नौकाओं से जल यातायात में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।