एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा का देर रात औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अनुपस्थित मिले, जिनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। एसडीएम द्वारा किए गए रियलिटी चेक के दौरान मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में रात में ही सभी स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सक भागकर अस्पताल परिसर पहुंचे। एसडीएम ने सभी को चेतावनी देते हुए कहा कि दोबारा अगर किसी भी प्रकार की हीलाहवाली और लापरवाही मिली तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सेवराई एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि लोगों द्वारा स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक के न होने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया ना होने की शिकायत मिल रही थी। सोमवार की देर रात आकाशीय बिजली की चपेट में आने से छह लोगों के झुलसने की सूचना मिलने पर एसडीएम घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। वहां एंबुलेंस कर्मी द्वारा सभी घायलों को बिना प्राथमिक उपचार के ही ले जाया जा रहा था। एसडीएम के पूछने पर एंबुलेंस कर्मी ने बताया कि मरीजों को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। मौके पर कोई भी चिकित्सक न होने पर एसडीएम का पारा चढ़ गया।
प्रभारी अधीक्षक को लगाई फटकार
अस्पताल में रात के समय कोई चिकित्सक का होने पर एसडीएम ने प्रभारी अधीक्षक डॉ. धनंजय आनंद को फोन कर कड़ी फटकार लगाई। इसके 20 मिनट के अंदर ही सभी चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल पहुंचे। घायल मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस को लौटाकर दोबारा अस्पताल लाया गया और मरीजों का इलाज शुरू किया गया। इस दौरान एसडीएम ने सभी घायलों का कुशलक्षेम पूछा और उन्हें हर संभव प्रशासनिक मदद का आश्वासन दिया। इस पर तीमारदारों ने एसडीएम का आभार जताया।
शौचालय में पानी ना होने पर जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में गंदगी होने पर और शौचालय में पानी न होने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई और संबंधित को चेताया कि ऐसी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जल्द ही व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि क्षेत्र के एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रात के समय चिकित्सक का न होना निराशाजनक है। पूछताछ में पता चला कि चिकित्सक किसी अन्य गांव में रहते हैं जो इमरजेंसी सेवा पर ही आते हैं। संबंधित लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी महोदय को पत्राचार किया गया है। साथ ही चिकित्सकों को रात्रि पहर अस्पताल परिसर में ही रहने की हिदायत दी गई है।