गंगा पर बने हमीद सेतु डैमेज होने के कारण एनएचएआइ की ओर से 10 फीट पर लगा हाइटगेज 24 घंटे तक बड़े वाहनों के लिए मुसीबत बना रहा। स्कूली बसें, तेल के टैंकरों और अनाज की गाड़ियां पास न होने से परेशानी उठानी पड़ी। वाहनों को जिले में ही गंगा पार आवाजाही के लिए वाराणसी से चक्कर काटना पड़ा। समस्या को देखते हुए एनएचएआइ के हाइटगेज की ऊंचाई को बुलडोजर से उठवा दिया है। इसके बाद बड़े वाहनों का आवागमन शुरू हो गया।
गंगा पर बना हमीद सेतु क्षतिग्रस्त देख नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने पहले दस फीट पर हाइटगेज लगाया था। इसके बाद लोगों ने हाइटगेज को ऊपर उठा दिया था। इसके बाद भारी वाहन भी आवाजाही करने लगे थे। इस दौरान पुल डैमेज होते देख एनएचएआइ ने दोबारा जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह को तीन पत्र लिखकर हाइटगेज दस फीट पर लगाने का अनुरोध किया था। एनएचएआइ ने गुरुवार को लोहे का बैरियर लगा दिया था, ताकि बड़े वाहन आवाजाही न कर सकें।
इससे तेल के टैंकर, अनाज की गाड़ियां व बड़ी स्कूली बसें खड़ी हो गईं। शुक्रवार को काफी संख्या में वाहन दोनों किनारे खड़े हो गए। वाहन चालकों का कहना है कि इस पुल पर आवाजाही बंद होने से अब उन्हें वाराणसी का चक्कर काटना पड़ेगा, जिसमें काफी समय व तेल खर्च होगा। इन परेशानियों को लेकर जिला प्रशासन भी चिंतित है।
एक तरफ पुल को क्षतिग्रस्त होने से बचाना है, तो दूसरी तरफ जरूरी सेवाएं पेट्रोलियम पदार्थ और अनाज की गाड़ियों की आवाजाही भी जरूरी है। पेट्रोल पंप एसोसिएशन, सस्ता गला एसोसिएशन आदि ने वाहनों की आवाजाही न होने से होने वाली परेशानियों से डीएम को अवगत कराया। इसके बाद शनिवार को बुलडोजर से हाइटगेज की ऊंचाई को करीब एक फीट उठा दिया गया है।