गाजीपुर एसीजेएम घनश्याम शुक्ला की कोर्ट ने 18 वर्ष बाद दूध का नमूना फेल होने के मुकदमे में विंध्याचल यादव निवासी बीकापुर को एक वर्ष की सजा व दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के खाद्य निरीक्षक एसके सिंह ने रेलवे स्टेशन स्टैंड से 11 अगस्त 2003 को भैंस के दूध का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा था। तीन सितंबर 2003 को आई जांच रिपोर्ट में दूध में फैट व सालिडनान फैट कम पाया गया। 13 अगस्त 2004 को एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया।
वहीं 30 जून 1996 को भदौरा से अवधेश यादव से भैंस का दूध खरीदकर उसका नमूना भरकर जांच के लिए भेज दिया गया। जांच रिपोर्ट 17 सितंबर 1996 को आई जिसमें नमूना फेल पाया गया। 20 सितंबर 1997 को एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें 25 वर्ष बाद एसीजेएम ने यह कहते हुए कि इसमें संदेह है कि अवधेश दूध बेचता था, क्योंकि उसने नमूने पर हस्ताक्षर नहीं किया है और न ही गवाह की गवाही की गई। इसलिए उसे संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त किया जाता है।