गंगा की कटान से बचने के उपाय मौजूदा दौर में नाकाफी हैं। कटानरोधी हुए 70 फीसदी काम से सिंचाई विभाग सुरक्षा का दावा कर रहा है। उसका कहना है कि अधिक कटान वाले गांव शेरपुर-सेमरा में ठोकर काम होने से लोगों को खासी राहत मिलेगी।
मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के बलिदानी गांव शेरपुर कलां को गंगा की तबाही से बचाने cके लिए 1.4 किमी ठोकर बनाने का कार्य चल रहा है, लेकिन गांव को गंगा के कटान से बचाने के लिए यह नाकाफी है। कटान से सेमरा व शिवरायकापुरा का काफी भाग गंगा में समाहित होने के बाद सेमरा को बचाने के लिए कई खंड में ठोकर का निर्माण कराया गया। जिसे गंगा का कटान शेरपुर में होने लगा।
पिछले साल लगभग 80 बिगहा कृषि भूमि कटान की भेट चढ़ गई थी। गांव वालों की मांग पर ठोकर निर्माण की स्वीकृति प्रदेश सरकार ने दी। काम भी शुरू हुआ लेकिन काम की गति काफी धीमी होने के चलते बरसात से पूर्व काम पूरा नहीं हो पाया। वहीं, गांव को कटान से बचाने के लिए कम से कम चार किमी तक ठोकर बनाना होगा। हालांकि अभी तक 1.4 किमी ठोकर बनाने का कार्य चल रहा है।
सेमरा व शेरपुर गांव के बीच ठोकर न बनने से अब शेरपुर में कटान का क्षेत्र बन गया है। वैसे इस समय पानी न बढ़ने पर भी करीब 50 फीट ऊंचा टीला है। पानी बढ़ने के बाद यहां कटान तेज हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि सेमरा से लेकर शेरपुर तक पूरा ठोकर न बनने से कटान को रोकना असंभव होगा। जो ठोकर बन रही है उसकी गति काफी धीमी होने के कारण वह समय से पूरा नहीं हो सका और अब गंगा का जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया है जिससे ग्रामवासियों को कटान का खतरा सताने लगा है। शेरपुर व सेमरा को बचाने के लिए पूर्व में कार्ययोजनाएं बनाई गई थी।
चार किमी का प्रस्ताव एक साथ स्वीकृत न होने पर सिंचाई विभाग ने टुकड़ों में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। शासन स्तर से 20 करोड़ में 600 व 800 मीटर के दो स्थानों पर स्पर व पीचिंग कार्य को मंजूरी दी है। 2012-13 में गंगा में बाढ़ के चलते सेमरा गांव का लगभग 50 प्रतिशत और शिवरायकापुरा का 90 प्रतिशत आवासीय भू भाग गंगा की धारा मे विलीन हो गया था।
शासन की ओर से 2014 मे सेमरा गांव के पश्चिमी सिरे से लेकर शिवरायकापुरा के रामतुलाई मौजे तक 1600 मीटर बोल्डर पिंचिंग का कार्य कराकर ठोकर निर्माण कराया गया। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि कटानरोधी कार्य 70 फीसदी हो गया है। इस बार गंगा तबाही नहीं मचाएगी। बोल्डर पिचिंग का काम काफी मददगार होगा।