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सावन मास बहे पुरवईया, बेचहू बरदा किन्हू गईया

दक्षिणी राज्यों की ओर मानसून के मुड़ जाने से अगले चार दिन तक अभी अच्छी बारिश होने की संभावना नहीं है। इस दौरान घने बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड व न्यूनतम तापमान 28 से 29 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की संभावना है। पूर्वी हवा औसत 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा से चल सकती। यह मौसम पूर्वानुमान जारी किया है कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज के मौसम विभाग ने.


केवीके के मौसम विज्ञानी कपिलदेव शर्मा ने बताया कि जिस मानसून को पूर्वी उत्तर प्रदेश में आना चाहिए था, वह दक्षिण की ओर मुड़ गया। इससे यहां घनघोर बारिश की जगह केवल बूंदाबांदी हो रही है। इसके चलते अब तक जितनी बारिश होनी चाहिए थी, उसके सापेक्ष केवल 38 फीसद बारिश ही हुई है। बादलों की आवाजाही बनी रहेगी जिससे धूप-छांव का खेल चलता रहेगा।

इस सावन में भीषण गर्मी व तपन से मानो शरीर में आग लग गई है। अब तक तो बारिश ही नहीं हुई तो मन के झूमने की तो बात ही छोड़ दीजिए। नगरवासियों का कहना है कि सूखे के असर से सभी परेशान हो चुके हैं। धान की फसल की आस जाते देख किसान सुबह शाम बादलों की तरफ निगाहें लगाए हुए काले मेघा को देखकर तो ललच रहे हैं लेकिन वह पानी नहीं बरसा रहे हैं। 

इसी तरह घाघ कवि कहते हैं कि सावन मास बहे पुरवईया, बेचहू बरदा किन्हू गईया, जब सावन माह में पुरवाई चले तो स्वामी को अपने बैल बेचकर गाय रखबर बच्चों की चिंता करनी चाहिए, क्योंकि यह लक्षण पानी बरसने का नहीं, सूखा और अकाल पड़ने का है। सावन माह में ठीक यही स्थिति दिखाई दे रही है। खेतों में धूल उड़ रही है। सूरज की तीव्र गर्मी लग रही है। खेतों में डाली गई धान की नर्सरी झुलस रही है। गांव गिराव में स्थित ताल, तलैया, पोखरा और पोखरी में पानी के बिना दरारें फट गई हैं। सरकार की तरफ से कोई भी राहत की घोषणा नहीं किए जाने से किसान परेशान नजर आ रहे हैं।

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