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अभी तक नई किताबें नहीं हो सकी उपलब्ध, कांटवेंट से होती है तुलना

परिषदीय विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र के चौथे माह का अन्तिम पखवारा बीतने को है। लेकिन, अभी तक नौनिहालों को नई किताबें नहीं मिल सकी हैं। ऐसे में महज शैक्षिक सत्र की शुरूआत समय से कर विभाग कान्वेन्ट स्कूलों को मात देने के दावे की पोल खोल रहा है।

गाजीपुर जिले के जमानिया क्षेत्र में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में देश के भविष्य कहे जाने वाले नौनिहाल छात्र छात्राएं आज भी पुरानी घिसी पिटी और उधार की पुरानी किताबों के जरिए ही पढ़ाई कर रहे हैं। नए शैक्षिक सत्र के चार माह बाद भी उन्हें नई किताबें देखने को नहीं मिल सकी हैं।

कुल 36 हजार छात्र-छात्राएं हैं पंजीकृत

विभाग के अनुसार शासन स्तर से मिलने वाली नि:शुल्क नई पाठ्य पुस्तकें जुलाई के पहले पखवारे तक मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन किताबें उपलब्ध न होना निश्चित ही सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है। विभाग के अनुसार जमानिया क्षेत्र में कुल 261 परिषदीय विद्यालय हैं। जिनमें से 170 प्राथमिक, 38 जूनियर और 53 कम्पोजिट विद्यालय हैं। जिनमें 36 हजार के आसपास छात्र-छात्राएं पंजीकृत है।

उधार किताबें लेकर पढ़ रहे बच्चे

हरिपाल राय,अविनाश,दीपक सिंह, हीरा यादव,राम सिंह,आशुतोष आदि अभिभावकों का कहना है कि ज्यादा समस्या पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले छात्रों के समक्ष आ रही है। पिछले सत्र में पढ़ने वाले छात्रों की किताबों कि स्थिति बेहद खराब है। ऐसी स्थिति में शिक्षण कार्य जुगाड के भरोसे चलने से व्यवस्था अब बेपटरी होती दिख रही है।

अभिभावकों ने विभाग पर खड़े किए सवाल

​​​​​​​वहीं अभिभावकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने निजी कानवेंट स्कूलों की तर्ज पर हाईटेक शिक्षण कार्य को लेकर बडे बडे दावे करने वाले विभाग पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है,कहा कि जिस तरह से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है ,उससे उनका भविष्य चौपट हो सकता है। बीएसए हेमंत राव ने बताया कि बहुत जल्द ही नई किताबें स्कूलों को उपलब्ध करा दी जायेगीं ताकि शैक्षिक कार्य बेहतर तरीके से चलता रहे।

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