बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट से मुक्ति की गुहार सोमवार को अदालत से की। एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की गुजारिश को फिलहाल खारिज कर दिया गया है। दीवानी कचहरी आजमगढ़ में ओम प्रकाश वर्मा तृतीय की अदालत ने मुकदमे में आरोप तय करने के लिए 28 जुलाई की तिथि नियत की है। अदालत ने सभी आरोपियों को उक्त तिथि पर न्यायालय में तलब किया है।
आजमगढ़ के तरवां थाना क्षेत्र में फरवरी 2014 में हुए मजदूर हत्याकांड में आरोपी बनाए जाने के बाद वर्ष 2020 में इसी मामले के संबंध में मुख्तार अंसारी व अन्य पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्तार अप्रैल 2021 से न्यायिक हिरासत में है।
तीन जून को मुख्तार ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था कि सात वर्षों से वह जेल में बंद हैं, ऐसी परिस्थिति में गैंगस्टर एक्ट के तहत निरुद्ध किया जाना न्याय संगत नहीं है । अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक वरिष्ठ अधिवक्ता लाल बहादुर सिंह ने आपत्ति की। उन्होंने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के कुछ निर्णय का भी हवाला दिया।
पिछली तारीख 13 जुलाई को न्यायालय ने दोनों पक्षों को दलीलों को सुनने के बाद सोमवार को इस विषय पर आदेश देते हुए कहा कि मुख्तार की प्रार्थना मंजूर होने योग्य नहीं है, इसलिए खारिज की जाती है। सभी आरोपी 28 जुलाई को आरोप निर्धारण के लिए न्यायालय में उपस्थित हों। सोमवार को सुनवाई के समय मुख्तार अंसारी बांदा जेल से श्याम बाबू पासी बुलंदशहर जेल से तथा राजन पासी जौनपुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई।
मामले में ये हैं आरोपी
मामले में तरवां थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने मुख्तार अंसारी, राजेंद्र यादव, राजन पासी, हरिकेश, राजेश उर्फ राजन सिंह, सोहन पासी, छोटा पंकज, श्याम बाबू पासी, अभिषेक, उमेश तथा अनुज कनौजिया समेत ग्यारह लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में मेंहनगर के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रशांत श्रीवास्तव ने विवेचना की थी। अनुज कनौजिया इस समय फरार चल रहा है।